सेब सीजन के शुरुआती दौर में सरकारी एजेंसी मार्केटिंग बोर्ड के कर्मचारी शिमला के शोघी और सोलन के परवाणू में प्रवेश द्वारों पर लगे नाकों में स्थानीय बागवानों से प्रति पेटी तीन रुपये अवैध वसूली कर रहे हैं। इसकी शिकायतें स्थानीय प्रतिनिधियों और मार्केटिंग बोर्ड के पास पहुंचनी शुरू हो गई हैं।
इन नाकों पर बाहरी राज्यों के कारोबारियों से तीन रुपये प्रति सेब पेटी मार्केट फीस ली जाती है, लेकिन एपीएमसी कर्मचारी स्थानीय बागवानों से भी वसूली कर रहे हैं। वर्ष 2019 में भी विधायक राकेश सिंघा ने विधानसभा में यह मामला उठाया था। सरकार के निर्देशों के बाद वर्ष 2020 में अवैध वसूली बंद हुई लेकिन इस साल फिर से कर्मचारी मनमानी पर उतर आए हैं।
मंडी समिति की ओर से तय नियम के अनुसार बैरियर पर स्थानीय बागवानों को दस्तावेज दिखाने होते हैं लेकिन कर्मचारी किसी की सुनने को तैयार नहीं। पिकअप लेकर चंडीगढ़ गए चालक दीपक ने बताया कि रात के समय कोई दस्तावेज देखने को तैयार नहीं है। प्रदेश फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान ने बताया कि किसानों-बागवानों से किसी भी प्रकार का टैक्स सरकार की ओर से नहीं लिए जाता। यदि वसूली हो रही है तो मंडी समिति व सरकार को पहल करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं इस मामले को उठाएंगे।
कोई कर्मचारी अवैध वसूली कर रहा है तो पुलिस में शिकायत करें। विपणन समिति किसी प्रकार का टैक्स वसूल नहीं करती है। स्थानीय किसानों-बागवानों को अपने कुछ दस्तावेजों की छाया प्रति ही दिखानी होती है। – नरेश शर्मा, शिमला किनौर विपणन समिति के अध्यक्ष