*मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए मोहताज होना पड़ रहा है*
*स्थानीय लौसर गांवों वालों और चिंचोग ,खोलकसा तथा क्यामो गांव वालों के स्वास्थ्य के आशा का एकमात्र किरण बनें सीएचसी लौसर में डाक्टर की तैनाती नहीं है*
बर्फ़ से लकदक हिमालय के पहाड़ों से घिरे हुए जिला लाहौल-स्पिति के सीएचसी लौसर में सर्दी के मौसम शुरू होते ही स्थानिय गांव और चिंचोग वार्ड और खौलकसा तथा क्यामों गांव के लोगों को सताती है बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं। लच्चर और खस्ताहाल सीएचसी लौसर के अंतर्गत आने वाले पंचायत के लौसर गांव के नमगोनपो,मौनडकसर तथा चिचोंग तथा खौलाकसर और क्यामों गांव के लोगों का नाराजगी सरकार तथा स्वास्थ्य विभाग पर आग की तरह उगल रहा है।
करणी सेना लाहौल-स्पिति के जिला उपाध्यक्ष एवं स्पिती के युवा नेता तन्जिन वंगज्ञाल ने कहा कि पंचायत के एक गांव हंसा जहां पीएचसी हैं उस गांव को छोड़कर तीनों गांव के लिए लौसर में सीएचसी हौने के बावजूद पंचायत के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि गर्मियों तो छोड़ो डाक्टर लापता रहते हैं पर सर्दियों के बर्फबारी के बीच मरीजों को बैहतर चिकित्सा सुविधा के लिए मोहताज होना पड़ रहा है। तन्जिन वंगज्ञाल ने कहा कि कम से कम सर्दियों के पांच छह महीनों के लिए सीएचसी लौसर में डाक्टर की तैनाती करवाएं।
सरकार तथा प्रशासन से गुहार लगाते हुए लौसर पंचायत के युवा मणडलों महिला मणडलों के कलजंग यंगडोल, तन्जिन जुमकित और लोबजंग लामो ने भी अपनी आवाज़ उठाते हुए के कहा कि पंचायत के लौसर चिचौंग और सूदूर क्यामो गांव के लोगों को अस्पताल में डाक्टर के तैनाती नहीं होने से फार्मेसिस्ट तथा चतुर्थ श्रेणी के भरौसे रहना पड़ रहा है। बीमारियों और बारी बर्फबारी और कड़ाके के ठंड में लौसर गांव और क्यामों के लोगों को बैहतर उपचार के लिए हंसा में वेध जी के पास इलाज के लिए जा पाना नामुमकिन है। महिलाओं ने कहा कि सीएचसी में डाक्टर के तैनाती नहीं होने से कई बार अप्रिय घटना भी घट चुकी है। सीएचसी में महिलाओं और बच्चों के लिए कई आवश्यक मूलभूत दवाईयां भी नहीं है। इस कौरौना महामारी तथा बीमारियों के बीच सीएचसी में डाक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को बर्फबारी में हंसा में वेध जी के पास ले जाना पड़ रहा है।स्थानिय लौसर गांव के तन्जिन रबयंग ने भी कहा कि सीएचसी लौसर में डाक्टर के तैनाती नहीं होने से स्थानीय पंचायत के लोगों के महिलाओं , बच्चों और बुजुर्गों को स्वास्थ्य के किल्लत से काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। लौसर पंचायत वाले फार्मेसिस्ट तथा चतुर्थ श्रेणी
के भरोसे और उनके प्रयासों और कर्मनिषठा से रह रहे है।