कृषि विज्ञान केन्द्र, सोलन द्वारा कृषि उत्पादों के भण्डारण एवं विनियामक विषय पर एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर (राज्यस्थान) के सहयोग से किया गया। इस विषय पर कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रभारी डॉ जितेन्द्र चैहान ने फलों, सब्ज़ियों एवं अन्य कृषि उत्पादों के भण्डारण के महत्त्व तथा फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान के विषय में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान की।
डॉ अनिल वर्मा ने किसानों को बताया कि सब्ज़ियों में 4.87 से 11.61 प्रतिशत तक नुकसान फसल कटाई के बाद होता है जबकि सबसे कम नुकसान दूध (0.87 प्रतिशत) में होता है। फसल कटाई के बाद सबसे अधिक नुकसान फलों में पाया गया है, जो कि 6.02 से 15.05 प्रतिशत है। अतः इस नुकसान को कम करने हेतु कृषि उत्पादों का सही ढंग से भंडारण करना अति आवश्यक है। डीडीएम नाबार्ड अशोक चौहान ने किसानों को नाबार्ड की विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी प्रदान की। डॉ अरुण अग्रवाल ने वर्चुयल माध्यम से प्रतिभागियों से फसलों के सही भंडारण के विषय में चर्चा की। चौधरी चरण सिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान, जयपुर से डॉ राहुल ने अपने संस्थान की विभिन्न गतिविधियों से अवगत करवाया तथा कृषि उत्पादों के सही भंडारण के महत्व पर जोत दिया।
इस शिविर का संचालन डॉ अनुराग शर्मा एवं डॉ मीरा देवी द्वारा किया गया। इस शिविर के समापन में किसानों को सोलन के कथेड़ स्थित गोदाम का भ्रमण भी करवाया गया तथा इससे संबन्धित जानकारी सेंट्रल वैरहाउसिंग कार्पोरेशन के प्रबन्धक द्वारा प्रदान की गई। इस शिविर में सोलन जिला के 80 किसानों ने भाग लिया तथा इसके अतिरिक्त 3 व्यापारियों और तुन्दल पंचायत की प्रधान चित्रलेखा और कृषि उत्पादक संघ, कण्ड़ाघाट के सदस्यों ने भी भाग लिया।