हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला को आठ जिलों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 205 पर बैली ब्रिज निर्माण का कार्य सोमवार देर शाम को पूरा कर लिया गया है। मंगलवार को दोपहर बाद 180 फुट लंबे इस इस पुल से वाहनों की आवाजाही शुरू करने की तैयारी है। पुल के बन जाने से 13 सितंबर से लेकर परेशान हो रही आठ जिलों की जनता को बड़ी राहत मिलेगी। लोक निर्माण विभाग के मेके निकल डिविजन ढली और धामी के अधिकारियों और मजदूरों ने रिकॉर्ड 11 दिनों में कुल 110 घंटे काम कर इस पुल का निर्माण किया। पुल निर्माण के इतने बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने में आम तौर पर 28 से 30 दिन लगते है, जिसे लोनिवि ने महज ग्यारह दिनों में बनाकर तैयार कर दिया। पुल निर्माण पर 1.30 करोड़ का खर्च आया है। निर्माण में मेकेनिकल डिविजन के 15 और धामी डिविजन के 15 कुल 30 मजदूरों ने दिन रात एक कर कार्य कर प्रदेश की जनता को राहत दी है।
सोमवार को 6 बजे मेकेनिकल डिविजन ने बैली ब्रिज की डेकिंग का कार्य पूरा कर दिया, वहीं धामी बीएंड आर डिविजन ने देर रात तक कार्य कर पुल को जोड़ने वाले रैंप को बनाने का कार्य पूरा किया। लोनिवि के मेकेनिकल डिविजन के अधिशासी अभियंता केके रावत और सहायक अभियंता कमल शर्मा ने बताया कि छह बजे तक उनकी ओर से कार्य पूरा दिया गया। वहीं धामी बीएंड आर डिविजन के अधिशासी अभियंता मान सिंह और सहायक अभियंता नवीन कौंडल ने कहा कि एक ओर का रैंप गाड़ियों के छह बजे तक तैयार कर दिया गया, दूसरी ओर का कार्य देर रात तक पूरा कर दिया जाएगा। आरसीसी की सेटिँग के लिए कुछ समय देने के बाद विभाग व प्रशासन मंगलवार को दोपहर बाद इसे वाहनों के लिए खोल सकता है।
एनएच-205 पर घंडल में सड़क का 180 फुट हिस्सा ढह जाने के बाद से यातायात बंद हो गया था। 25 सितंबर को जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के मौके पर आने के बाद बैली ब्रिज निर्माण का कार्य लोनिवि को सौंपा गया। इसके बाद धामी बीएंड आर डिविजन ने 27 सितंबर को एक छोर का पुल का बेस तैयार किया, उसके बाद 29 को दूसरी ओर का आधार बना दिया गया था । 29 सितंबर को मेकेनिकल डिविजन ने अधिशासी अभियंता के के रावत की देखरेख में पुल निर्माण शुरू किया गया था। महज ग्यारह से बारह दिनों में लोनिवि ने पुल को बनाकर दे दिया। इस कार्य में धामी डिविजन कके 15 मजदूर और मेकेनिकल डिविजन के 15 मजदूर और तकनीकी कर्मचारी लगे थे।