प्रदेश हाईकोर्ट ने जेबीटी टेट परीक्षा पर लगाई रोक को हटा दिया है। सुप्रीम कोर्ट से एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना खारिज होने के पश्चात हाईकोर्ट में इस मुद्दे को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के पश्चात जेबीटी टेट परीक्षा पर लगाई रोक को हटाने के आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता मोहित ठाकुर ने हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की 5 नवंबर को जारी अधिसूचना को चुनौती दी है। इसके तहत बीएड डिग्री धारकों को जेबीटी टेट परीक्षा के लिए पात्र किया गया था। हाईकोर्ट ने 24 नवम्बर 2022 को पारित आदेशों के तहत उक्त अधिसूचना पर रोक लगा दी थी। उल्लेखनीय है कि कोर्ट ने जेबीटी भर्तियों से ही जुड़े एक मामले में फैसला सुनाया था कि एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन किया जाना जरूरी है। अदालत के इस फैसले से जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र हो गए थे। बाद में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से दायर पुनर्विचार याचिका में पारित आदेशों के तहत इस फैसले पर रोक लगा दी थी। इस रोक के बाद बीएड डिग्री धारक फिर से इन पदों के लिए अयोग्य हो गए थे।
प्रार्थी ने आरोप लगाया कि एनसीटीई की जिस अधिसूचना के तहत बीएड डिग्री धारकों जेबीटी टेट के लिए पात्र किया गया है, उसे राजस्थान हाईकोर्ट भी रद्द कर चुका है। और अब एनसीटीई की 28 जून 2018 की अधिसूचना की वैधता को सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है। मामले पर अगली सुनवाई 18 सितम्बर को होगी।