Preneeta Sharma
अगर आपपे शनि भारी या आपके काम नहीं बन पा रहे है तो आइए हिमाचल प्रदेश के इस जगह पर जहाँ मकर सक्रांति के दिन स्नान करने पर आप शनि देव खुश हो जाते है ।
बता दे 14 जनवरी को मकर संक्रांति है और तत्तापानी में इसे मनाने का अपना ही विशेष महत्व है। तत्तापानी को ऋषि जमदगनी की तपोस्थली माना जाता है। यहां पर मकर संक्रांति पर हजारों की संख्या में लोग डुबकी लगाते है । यहां मकर संक्रांति पर तीन दिनों तक धार्मिक आयोजन किया हैं । यहां सिर्फ हिमाचल नहीं, दूसरे राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। माना जाता है कि मकर संक्रांति पर यहां नहाने से तमाम तरह के चर्म रोग दूर हो जाते हैं। वहीं, श्रद्धालु अपने ग्रहों के दोष दूर करने तुलादान भी करते हैं। यहां सतलुज नदी बहती है।
तत्तापानी में पहले बड़ी संख्या में गर्म पानी के चश्मे(गड्ढे) हुआ करते थे। इनमें स्नान करने से चर्म रोग दूर होते थे। हालांकि अब गर्म चश्मे नहीं बचे हैं, लेकिन मान्यता बरकरार है। श्रद्धालुओं के लिए प्रशासन ने कृत्रिम तौर पर चश्मे बनवाए हैं।
माना यह भी जाता है कि इस पानी में नहाने से मन को सुकून मिलता है। यहां पूरे माघ महीने में तुलादान और स्नान परंपरा है। यहां लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार चीजों से तुलते हैं और उसे दान करते हैं।
बुजुर्गो के द्वारा कहा जाता है कि यहां सप्त ऋषियों में शामिल जमदगनी ने कई सालों तक घोर तपस्या की थी। इसी पर उन्हें भगवान ने वरदान दिया था कि जो भी व्यक्ति यहां के गर्म चश्मे में स्नान करेगा, उसके चर्म रोग दूर हो जाएंगे और शनि भी उन्हें परेशान नहीं करेगा।