शिमला
जहां एक तरफ आज बुराई पर अच्छाई की जीत का जशन मनाया जाता है वही कालीबाड़ी मंदिर में मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना के बाद माता की मूर्तियों को मंगलवार को विदाई दी गई।
इस दौरान बंगाली समुदाय की महिलाओं और लोगों ने सिंदूर खेला यानि सिंदूर की होली खेल कर मां की मूर्तियों को तारादेवी के समीप तालाब में विसर्जित किया। सुबह से ही माता की विशेष पूजा-अर्चना की गई, इसके बाद ढोल-नगाड़ों के साथ महिलाओं ने नृत्य कर और सिंदूर की होली खेलकर मां दुर्गा की मूर्तियों काे भावपूर्ण विदाई दी। मंदिर से ट्रक में माता की मूर्तियों में ले जाया गया। इस दौरान पूरा परिसर माता के जयकारों से गूंज उठा।
कोलकाता से लाए गए 108 कमल के फूलों और 108 दीपक के साथ माता की भव्य पूजा की गई। दशहरे के दिन कालीबाड़ी मंदिर में मां दुर्गा को धूमधाम से विदाई दी गई। सिंदूर खेला में बंगाली समुदाय के लोगों के अलावा स्थानीय लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंगलवार को मंदिर में दिनभर माता के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा, मां दुर्गा के अंतिम दर्शनों में भक्तों की भीड़ लगी रही। दोपहर बाद पूजा-अर्चना के बाद माता की मूर्तियों को विदाई दी गई, जिन्हें तारादेवी के समीप तालाब में विसर्जित किया गया।