दीपक शर्मा बोले-करोना बंदिशें मात्र कागज़ी कार्यवाही
हमीरपुर,6 जनवरी
पंजाब में भाजपा की रैली में जनता नदारद थी जिसके चलते प्रधानमंत्री ने हेलीकॉप्टर छिड़ कर 111 किलोमीटर सड़क का रास्ता पकड़ा लेकिन जब यह पता चल गया कि रैली में लोग नहीं पहुंचे हैं तो ड्रामा रच कर बयानबाज़ी शुरू कर दी।
यह चुनावी फायदा लेने के लिए भाजपा द्वारा की गई ड्रामावाज़ी है जिसकी कांग्रेस पार्टी कड़े शब्दों में निंदा करती है।यह शब्द हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहे।उन्होंने कहा कि किसानों के रोष के चलते भाजपा बैकफुट पर है।किसान अब भी जिन अहम विषयों को लेकर अपना विरोध जता रहे हैं सरकार उनके प्रति उदासीन है।किसान एमएसपी पर अधिसूचना चाहता है।
जो किसान इस आंदोलन में शहीद हुए हैं उनके लिए मुआवज़ा चाहता है।किसान आन्दोल के समय सरकार द्वारा दर्ज किए गए मामलों की वापसी चाहता है।इन सब मांगों के प्रति मोदी सरकार चुप है क्योंकि इन मांगों को मानने से मोदी मित्रों का नुकसान होता है।लेकिन अगर किसान प्रधानमंत्री का विरोध करते हैं और मात्र 15 मिनट के लिए प्रधानमंत्री को सड़क पर रूकना पड़ता है तो इसमें भी राजनीतिक लाभ ढूंढा जा रहा है।यह निन्दनीय है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना को लेकर हिमाचल के मुख्यमंत्री सहित अन्य नेता भी बयानबाज़ी पर उतर आए और कांग्रेस को कोसने में व्यस्त हो गए।दीपक शर्मा ने कहा कि इस फ़िज़ूल की ड्रामावाज़ी को छोड़ कर प्रदेश सरकार जनसमस्याओं पर ध्यान दे।पिछले तीन दिनों से भारी बर्फबारी और बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है।सैंकड़ों सड़कें बन्द हो चुकी हैं।कहीं जनता बिना बिजली पानी के रहने को मजबूर है लेकिन सरकार जनसमस्याओं को छोड़ मोदी गुणगान में व्यस्त है।दीपक शर्मा ने कहा कि करोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का हालांकि हिमाचल में वर्तमान में कोई मामला नहीं है।सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में करोना बंदिशें लगा कर मात्र कागज़ी कार्यवाही की है।इन दिनों कड़ाके की ठंड और बर्फ़बारी से रात को कर्फ्यू जैसे हालात बने हैं लेकिन सरकार ने रात का कर्फ्यू लगा कर पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।उन्होंने कहा कि सरकार के निर्णयों में व्यवहारिकता कम और रस्मअदायगी ज़्यादा है।दीपक शर्मा ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि करोना बंदिशें लगाते समय उन वर्गों का ख़ास ख्याल रखा जाए जिनको पहले की तरह आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।मजदूर, मनरेगा कार्यकर्ता, छोटे व्यापारी, होटल व्यवसायी, टेक्सी ऑपरेटर आदि ऐसी श्रेणियां हैं जिनके ऊपर इस तरह की बन्दिशों का सीधा असर पड़ता है।अतः इन सब वर्गों के लिए राहत का विशेष पैकेज दिया जाना आवश्यक है।कांग्रेस नेता ने कहा कि जयराम सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में एक बार भी जनसमस्याओं के प्रति न तो गम्भीरता दिखाई और न ही दूरदर्शिता का परिचय दिया।सरकार मात्र रस्मअदायगी तक ही सीमित रही।प्रदेश के विकास के लिए यह दुर्भाग्यपूर्ण है।