भाजपा ने एससी-एसटी को मुख्यधारा में जोड़ने के लिए किया अतुलनीय कार्य
*कांग्रेस-इंडी गठबंधन की सोच विभाजनकारी*
*सोलन:-* देश के चुनावी पर्व में सात में से पांच चरणों का चुनाव संम्पन हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी संम्पन हुए पांच चरणों के चुनावों में 310 को पार कर गए हैं और अब शेष छठे एवं सातवें में आप सभी मतदाताओं को प्रधानमंत्री मोदी को 400 पार कराना है। भारतीय जनता पार्टी लोकसभा सांसद एंव प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने कसौली विधानसभा क्षेत्र के सीआरआई कसौली, कुमारहट्टी बाज़ार, धर्मपुर बाज़ार व सुबाथू में जनसंपर्क प्रवास के दौरान कहा कि भारत में लोकतंत्र की खूबसूरती उसके चुनावों में निहित है। यह उपलब्धि अपने आप में महत्वपूर्ण है, जो भारतीय जनता पार्टी की मजबूत स्थिति और लोकप्रियता को दर्शाती है। उन्हांने कहा कि यदि भारतीय जनता पार्टी छठे और सातवें चरण के चुनावों में भी इसी गति को बनाए रखती है और 400 सीटों का लक्ष्य प्राप्त कर लेती है, तो यह न केवल पार्टी के लिए बल्कि भारतीय राजनीति के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। यह प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता और पार्टी की संगठित रणनीति की जीत होगी। इससे भारत के विकास के मार्ग में नए अवसर और संभावनाएं खुलेंगी।
सांसद सुरेश कश्यप ने कहा कि आरक्षण का मुद्दा भारतीय राजनीति में सदैव से ही संवेदनशील और विवादास्पद रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास रहा है कि वह हमेशा एससी-एसटी आरक्षण का विरोध करते आएं है। उन्होंने कहा कि अगर डॉ.बी.आर. अंबेडकर नहीं होते तो एससी-एसटी समुदायों को आरक्षण कभी नहीं मिल पाता। भाजपा ने यह आरोप लगाया है कि पंडित नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखकर आरक्षण के प्रति अपनी असहमति व्यक्त की थी। नेहरू व राजीव गांधी परिवार के जितने भी प्रधानमंत्री हुए उन्होंने हमेशा एससी-एसटी आरक्षण का विरोध किया। आरक्षण का उद्देश्य समाज के उन वर्गों को मुख्यधारा में लाना है जो सदियों से सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं। इसका उद्देश्य है कि इन वर्गों को शिक्षा, रोजगार, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व में उचित अवसर मिल सकें। कांग्रेस ने हमेशा गरीब, एससी-एसटी, ओबीसी, महिला, हर वर्ग को धोखा दिया हैं, आज उनके पास सिर्फ एक ही वोट बैंक बचा हैं। वो इस वोट बैंक को खुश करने के लिए धर्म के आधार पर इन सबका आरक्षण छीनकर वोट जिहाद करने वालां को देना चाहते हैं।
उन्हांने कांग्रेस इंडी गठबंधन पर यह आरोप लगाया कि इनकी सोच विभाजनकारी है, क्योंकि जब भी यह गठबंधन सक्रिय होता है, समाज में तीन प्रमुख बिमारियां देखने को मिलती हैं सांप्रदायिकता, घोर जातिवाद और परिवारवाद। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उनके गठबंधन साथी अक्सर सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काते हैं, जिससे समाज में तनाव और असामंजस्य की स्थिति उत्पन्न होती है। ऐसे में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आपसी अविश्वास बढ़ता है, जो किसी भी राष्ट्र के विकास में बाधक है। उन्हांने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस इंडी गठबंधन ने पहले तो यहां से उद्योग और व्यापार का पलायन करवाया और अब यहां के परिश्रमी साथियों का अपमान कर रहे हैं। यह स्थिति राज्य के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए घातक है। जब उद्योग और व्यापार का पलायन होता है, तो रोजगार के अवसर कम होते हैं और राज्य की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती हैं।