शिमला 01 सितंबर । हिमाचल किसान सभा अधिवेशन शुक्रवार को हमीरपुर में संपन्न हुआ। किसान सभा के राज्य अध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर, राज्य महासचिव होतम सौंखला ने किसान सभा के इतिहास व इतिहास में किए गए संघर्ष पर विस्तार से चर्चा की। मौजूदा समय में किसान आंदोलन की प्रासंगिकता और किसानों से समक्ष आ रही समस्याएं और उनके समाधान पर विस्तार से बात रखी। डाॅ0 तंवर ने कहा कि किसान सभा पूरे देश में किसानों का सबसे बड़ा संगठन है और हिमाचल प्रदेश में भी किसानों और बागवानों की मांगों को उठाने में अग्रिम भूमिका अदा करता है।
हमीरपुर में किसानों की आवाज उठाने के लिए कोई संगठन नहीं रहा है और जो भी किसानों के संगठन रहे हैं उनका उद्देश्य मात्र चुनाव तक सीमित रहता है। हमीरपुर जिला में बड़े पैमाने पर लोग अभी भी किसानी के साथ जुड़े हैं जिसमें मक्की का उत्पादन सबसे ज्यादा होता है परंतु यहां विक्रय केंद्र नहीं है। जो मक्की का फसल पैदा होती है उसको बेचने की व्यवस्था न होने के चलते होने पौने दामों में बाहर के राज्यों से आने वाले लोगों को या अन्य विचलियों के पास बाकी बेचनी पड़ती है । इसके साथ जिला हमीरपुर में फोर लेन और नेशनल हाईवे और धौलासिद्ध प्रोजेक्ट लगने से जो जमीन का अधिकरण किया जा रहा है वो भी बहुत कम दाम देकर किसानों की जमीन को हड़प्पा जा रहा है।
डाॅ0 तंवर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 67ः भूमि वन अधिकार क्षेत्र वन भूमि है जो केंद्र सरकार के अधीन है और हिमाचल प्रदेश के पास बहुत कम जमीन है। हिमाचल किसान सभा ने सरकार से मांग है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के आधार पर प्रत्येक परिवार को 10 कनाल भूमि देना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि 20 सितंबर को जो भी फसलों को और घरों का नुकसान बरसात में हुआ है सरकार के द्वारा किसी तरीके की कोई मदद नहीं दी जा रही है के विरोध में जिला मुख्यालय पर आवाज बुलंद की जाएगी। आज अधिवेशन में रंजन शर्मा को किसान सभा का संयोजक चुना गया जबकि कुलदीप सिंह और उर्मिला को सहसंयोजक चुना गया इसके साथ 21 सदस्य कमेटी का भी चुनाव किया गया ।