हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की परीक्षा और परिणाम के ऑनलाइन सिस्टम में सेंध लगाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एचपीयू के स्नातक डिग्री कोर्स के फाइनल ईयर के रिजल्ट घोषित होने से पहले ही एक एप्लीकेशन के माध्यम से छात्रों ने अंतिम वर्ष का रिजल्ट कार्ड डाउनलोड कर लिया गया, जो कि परीक्षा और परिणाम की गोपनीयता पर बड़ा हमला है। यह साइबर अपराध का बहुत बड़ा कारनामा है। शुरू से विवादों में रहे विवि के ऑनलाइन सिस्टम की यह सबसे बड़ी खामी सामने आई है। छात्र संगठन लगातार ईआरपी सिस्टम की खामियों पर प्रशासन को घेरते रहे हैं।
हालांकि विवि ने अपने स्तर पर छानबीन की है, जिसमें बताया जा रहा है कि रिजल्ट के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। ईआरपी सिस्टम में डाटा सुरक्षित रखने के लिए सॉफ्टवेयर में कोई व्यवस्था न होना इसका कारण माना जा रहा है। वहीं एचपीयू के परीक्षा नियंत्रक जेएस नेगी ने बताया कि इसकी छानबीन कर रहे हैं। अभी टेंपरिंग का कोई मामला सामने नहीं आया है। आधिकारिक तौर पर कोई परिणाम अभी घोषित नहीं किया है।
उधर, इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की विवि इकाई ने वीरवार को विवि के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. अरविंद कालिया का घेराव कर प्रदर्शन किया। इकाई अध्यक्ष विशाल सकलानी ने कहा कि यह विवि के लाखों छात्रों के रिकॉर्ड और विवि के परीक्षा संबंधित रिकॉर्ड की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व रिजल्ट की टेस्टिंग के नाम पर गलत नतीजे ऑनलाइन भी मिलते रहे हैं। उन्होंने विवि प्रशासन से स्थिति स्पष्ट करने और खामी दूर करने की मांग उठाई।