राजगढ़ क्षेत्र के सभी वाले सभी 190 आंगनबाड़ी केंद्रो में 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह बड़े उत्साह के रूप में मनाया गया । इस सप्ताह का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग के सौजन्य से किया गया । जिसमें महिलाओं को स्तनपान के महत्व बारे विस्तार से जानकारी दी गई । बाल विकास परियोजना अधिकारी राजगढ़ डॉ. आभा पंवार ने विशेष बातचीत में बताया कि राजगढ़ ब्लॉक के दस वृत राजगढ़-1 व 2, चुरवाधार, हाब्बन रेहडीगुसान, सनौरा, धमांदर , टपरोली शरगांव और चंदोल आते हैं जिसके अधीन 190 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यतर है । उन्होने बताया कि एनएफएचएस -5 अनुसार प्रदेश में स्तनपान की दर 69.9 प्रतिशत है जिसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए । जिसके लिए हर आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं को स्तनपान सप्ताह के अतिरिक्त जागरूक किया जाता है । कहा कि मां का दूध नवजात शिशु के लिए अमृत समान होता है और प्रसूति के एक घंटे उपरांत प्रत्येक मां को नवजात शिशु को अपना दूध पिलाना चाहिए जोकि बच्चे के बहुत ही पौष्टिक एवं अनेक रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है। उन्होने बताया कि 6 माह के उपंरात बच्चों को उपरी आहार दिया जाना चाहिए जिसमें उबली हुई दाल, सब्जियां , चावल, आलू इत्यादि आहार दिया जा सकता है जिससे बच्चे के शरीर का विकास होता है ।
पर्यवेक्षक बिमलेश शर्मा ने बताया कि नवजात शिशु के लिए मां का दूध उपयुक्त एवं पूर्ण आहार है, जिससे जहां शिशु का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास होता है वहीं पर बच्चों में किसी प्रकार के रोग लगने का भय नहीं रहता है। उन्होने कहा कि आधुनिकता की दौड़ में अनेक महिलाऐं अपने शरीर को सुडौल बनाए रखने के लिए शिशु को स्तनपात करवाने में काफी परहेज करती है जोकि उचित नहीं है। उन्होने कहा कि बच्चें को निप्पल से दूध पिलाना भी उचित नहीं है क्योंकि निप्पल में काफी कीटाणु होते है जो बच्चे के शरीर में प्रवेश कर सकते है।