मंडी : हिमाचल प्रदेश और मंडी जिले में अब गर्मियों में और भी ज्यादा तामपान बढ़ रहा है. मंडी जिले के पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि यह भयंकर गर्मी इंसानों द्वारा प्रकृति से की जा रही छेड़छाड़ का नतीजा है, जिससे पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है और यह आने वाले समय के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन सकता है.पर्यावरण के जानकारों के अनुसार, यह इसलिए भी हो रहा है कि जिले में कई जगह फोरलेन निर्माण कार्य हो रहा है. लंबी और चौड़ी सड़कों को बनाने के लिए प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ हो रही है और पहाड़ों को खोखला किया जा रहा है , इसलिए मौसम में बदलाव नजर आ रहा है.
मंडी के स्थानीय निवासी और देवभूमि पर्यावरण बचाओ समिति के अध्यक्ष नरेंद्र सैनी के अनुसार, पहले जब प्रकृति के साथ छेड़ छाड़ नहीं होती थी तो सामान्य रूप से बारिश हो जाती थी, लेकिन अब अचानक एकदम इतनी बारिश हो जाती है कि नुकसान झेलने पड़ता है .पहले के समय जब विकास कार्य कम थे तो पर्यावरण भी ठीक था, लेकिन जब से प्रदेश में लंबी और चौड़ी सड़के बनाई जा रही हैं, जिसके लिए पहाड़ काटे जा रहे हैं, यह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ है और इसके कई दुष्परिणाम देखने को मिल रहे हैं.
नरेंद्र सैनी के मुताबिक अगर इंसान, प्रकृति से यूं ही छेड़छाड़ करता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा कि हिमाचल में भी असहनीय गर्मी पड़ेगी और बर्फ बिल्कुल गायब हो जाएगी. ग्लोबल वार्मिंग के चलते अभी से ही ग्लेशियर सिकुड़ना शुरू हो गए हैं और अगर यही हाल रहा तो प्रदेश को बड़ी बुरी दशा से गुजरना होगा.










