मैंने निभाया राजधर्म, भाजपा ने आपदा प्रभावितों को दिखाई पीठः सीएम
कसौली विधानसभा क्षेत्र में गरजे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू
कसौली विधानसभा क्षेत्र के पट्टा बरौरी में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और कहा कि भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में ख़रीद-फरोख्त की राजनीति शुरू कर राज्य की संस्कृति को कलंकित किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी से ग़द्दारी कर छह कांग्रेस विधायक राजनीतिक मंडी में बिके और अब ख़रीद फरोख्त की राजनीति पर पूर्ण विराम लगाने की ज़िम्मेदारी प्रदेश के मतदाताओं की है। अगर ख़रीद फरोख्त की राजनीति को अभी सबक़ नहीं सिखाया तो यह आगे भी चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास धन बल नहीं है, बल्कि जनबल ही पार्टी की ताक़त है। यह लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है और आने वाले चुनाव में प्रदेश के मतदाता भाजपा को एक राज्यसभा सीट चुराने की सजा देकर लोकसभा की चारों सीटें कांग्रेस पार्टी के नाम करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले वोट ख़रीदने के लिए पैसा लेकर आएँगे। आप पैसे रख लेना लेकिन वोट कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को ही देना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दागियों ने जनता के साथ नमक हरामी की है और जन भावनाओं से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी से ग़द्दारी करने के बाद बिके हुए विधायक एक महीने तक प्रदेश से बाहर भागते रहे और उनके परिवार के सदस्य भी उनके लिए चिंतित थे। जिस दिन बजट पास होना था, उस दिन चंडीगढ़ से सीआरपीएफ़ की सुरक्षा में आए और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राजीव बिंदल ने विधानसभा का गेट तोड़ दिया। दागियों ने विधानसभा में आकर अपनी हाज़िरी लगाई और बजट पर वोट किए बिना फिर भाग गए। बिके विधायकों ने नए कोट-पैंट सिला लिए क्योंकि उन्हें लगा कि वह मंत्री बनने वाले हैं, लेकिन उनकी विधानसभा सदस्यता ही रद्द हो गई। फिर दागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुँचे तो कोर्ट ने भी उन्हें माफ़ी देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि एक दिन अचानक दागियों ने दिल्ली जाकर भाजपा का पटका पहन लिया। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ऐसा पहली बार है जब निर्दलीय विधायक हाथ में इस्तीफ़ा लेकर घूम रहे हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं और कोर्ट जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक साज़िशों से घबराने वाले नहीं है क्योंकि आम परिवार से निकला एक बेटा लड़ाई लड़ना चाहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी लड़ाई नशा माफिया, खनन माफिया और भू-माफिया है और वह प्रदेशवासियों के हितों की हर हाल में रक्षा करेंगे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ठाकुर पांच साल सोए रहे और चोरों के लिए दरवाज़े खोल दिए। जिन्हें वर्तमान सरकार ने बंद करके 2200 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व कमाया है और राज्य की अर्थव्यवस्था में बीस प्रतिशत का सुधार आया है। अब जनता का पैसा जनता के बीच बाँटा जा रहा है। महिलाओं को 1500 रुपए पेंशन, गोपालकों को 1200 रुपए महीना, 1.15 लाख विधायकों को घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए, 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों का फ्री इलाज, मनरेगा की दिहाड़ी में ऐतिहासिक 60 रुपए बढ़ौतरी, दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य, कर्मचारियों को 4 प्रतिशत डीए, पुलिसकर्मियों की डाइट मनी में पांच गुणा की वृद्धि, राज्य सरकार ने यह सब कुछ इसी अतिरिक्त राजस्व से किया है। उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों का एरियर क्लीयर किया जा रहा है और वर्तमान राज्य सरकार ने अब तक 7000 विधवाओं को उनके एरियर का पूरा भुगतान कर दिया गया है। राज्य सरकार ने पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन को बहाल किया और हिमाचल भाजपा के नेता दिल्ली जाकर एनपीएस के 9000 करोड़ रुपए केंद्र से वापस दिलाने में रोड़े अटका रहे हैं। उन्होंने कहा कि सवा साल के कार्यकाल में जितनी योजनाएं वर्तमान राज्य सरकार लाई है, उतनी पिछले 75 वर्षों में कभी नहीं आई।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा आपदा के समय भाजपा नेताओं ने राज्य के आपदा प्रभावित परिवारों को पीठ दिखाई, जबकि मैंने राजधर्म निभाया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं से दिल्ली चलकर आपदा प्रभावितों को आर्थिक मदद दिलाने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावितों को फिर से बसाने के लिए 4500 करोड़ रुपए का पैकेज दिया। उन्होंने कहा कि शिमला से सांसद सुरेश कश्यप ने आपदा प्रभावितों को आर्थिक मदद दिलाने के लिए एक भी डीओ लेटर नहीं लिखा। उन्होंने कहा कि जो सांसद आपदा में आपके साथ नहीं था, उसे सबक़ सीखाना का समय आ गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी को विजयी बनाएँ, मैं स्वयं कसौली विधानसभा क्षेत्र के विकास को देखूँगा।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अनाथ बच्चों के लिए क़ानून बनाकर उनकी पढ़ाई और देखभाल का खर्च उठाया। राजस्व क़ानूनों में बदलाव कर तीन माह में एक लाख से ज्यादा इंतकाल और सात हजार से ज्यादा तकसीम के लंबित मामलों का निपटारा किया।
इस अवसर पर शिमला लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी, मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी तथा जिला सोलन के कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार शर्मा सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी उपस्थित रहे।
एक्सीडेंट्ल चीफ़ मिनिस्टर थे जयराम ठाकुरः कांग्रेस
धूमल चुनाव हारते नहीं, तो कभी सीएम नहीं बनते जयरामः कांग्रेस
मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा और किशोरी लाल ने कहा है कि जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के इतिहास के एक्सीडेंट्ल चीफ़ मिनिस्टर हैं। अगर भाजपा के मुख्यमंत्री पद के घोषित उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल वर्ष 2017 का चुनाव नहीं हारते तो वह कभी मुख्यमंत्री नहीं होते। उन्होंने कहा कि कुर्सी मिलने के बाद जयराम ठाकुर ने धूमल गुट को निपटाने के लिए कार्य किया और धड़ेबाज़ी को बढ़ावा दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद हमीरपुर जिला ही नहीं बल्कि हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के साथ भेदभाव किया और एक बार भी मिलने के लिए प्रेम कुमार धूमल के घर नहीं गए। आज विपक्ष में रहते हुए जयराम ठाकुर समीरपुर की परिक्रमा कर रहे हैं और उन्हें प्रेम कुमार धूमल के साथ-साथ हमीरपुर याद आ रहा है। मोहन लाल ब्राक्टा और किशोरी लाल ने कहा कि कांग्रेस के दागी विधायकों की भाजपा में एंट्री जयराम ठाकुर की धूमल गुट को समाप्त करने की सोची-समझी चाल है। एक-एक कर जयराम ठाकुर पुरानी भाजपा के नेताओं को समाप्त करने में लगे हैं।
दोनों मुख्य संसदीय सचिवों ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के इतिहास के सबसे नाकाम मुख्यमंत्री साबित हुए हैं। प्रदेश के लिए न तो उनका कोई विज़न था और न ही पांच साल में प्रदेश के लोगों के लिए कुछ किया। उन्होंने कहा कि आज मंडी की बात करने वाले जयराम ठाकुर बताएं कि जिला मंडी के विकास में उनका क्या योगदान है। जिला मंडी के लोग भूले नहीं हैं कि उन्होंने सिर्फ और सराज विधानसभा क्षेत्र का ही विकास किया है और मंडी जिला के अन्य विधानसभा क्षेत्रों की अनदेखी की।
मोहन लाल ब्राक्टा और किशोरी लाल ने कहा कि वर्तमान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू एक दूरदर्शी नेता हैं। लंबे संघर्ष और कड़ी मेहनत के दम पर वह मुख्यमंत्री के पद पर आसीन हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विकास को लेकर उनका विज़न है। हिमाचल प्रदेश को प्रदूषण-मुक्त और आत्मनिर्भर बनाना, अनाथ बच्चों, असहाय लोगों और विधवाओं के साथ-साथ हर वंचित वर्ग को साधन संपन्न बनाने के लिए उनकी एक सोच है, जिसके लिए वर्तमान राज्य सरकार ने पिछले सवा साल के कार्यकाल में अनेकों कदम उठाए हैं। जबकि पिछली भाजपा सरकार डबल इंजन की दम भरती है लेकिन 75 हज़ार करोड़ का क़र्ज़ हिमाचल प्रदेश की जनता पर छोड़ कर गई थी और प्रदेश की आय बढ़ाने के लिए पिछली भाजपा सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए।