शिमला
हिमाचल प्रदेश की सेब मंडियों में सेब क्रेट में भरकर बेचने की व्यवस्था करने का पूरा मन बना लिया है। कोरोना काल मे सेब कार्टन के बढ़ रहे दामों व समय पर कार्टन न मिलने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बागवानों के सेब को क्रेट में बेचने की तैयारी शुरू हो चुकी है। हालांकि इस मर्तबा का सीजन शुरू हो चुका है बाबजूद इसके इस सीजन में ही सेब क्रेट में बिकना शुरू हो जाएगा। शिमला की पराला मंडी में प्लास्टिक क्रेट शुरू किया जा रहा है। कार्टन में सेब की पैकिंग के कारण बागवानों पर पैकिंग का खर्चा भी अपेक्षाकृत अधिक बैठता है और सेब के दाम भी पूरे नहीं मिल पाते हैं। क्रेट में 20 किलो सेब आएगा। प्लास्टिक की यह क्रेट डिस्पोजेबल भी होगी।
हिमाचल फल फूल सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष जो स्वयं बागवान भी है का कहना है कि सेब का कार्टन 150 से 200 रुपए का पड़ता है। जबकि प्लास्टिक की क्रेट 90 रुपए तक मिलेगी। क्रेट से बागवानों को कार्टन के कोविड में बढ़ाए गए मनमाने दामों से निजात मिलेगी। अभी तक 20 किलो ले कार्टन में सेब 32 किलो तक पैक कर दिया जाता है जिसका दाम बागवानों को कम मिलता है जबकि क्रेट में 20 किलो ही होगा। हरीश चौहान का कहना है कि शुरू में लकड़ी की पेटी में सेब जाता था उसके बाद कार्टन आए अब क्रेट में सेब बिकने से बागवानों को फ़ायदा मिलेगा। कार्टन में सेब की पैकिंग का छह रुपये प्रति किलो खर्च आता है। जबकि क्रेट में सेब की पैकिंग करके मंडियों में बेचा जाए तो खर्चा दो रुपये प्रति किलो से कम आएगा।