बागवानी और कृषि क्षेत्र में उर्वरकों और कीटनाशकों के बेतहाशा इस्तेमाल से खेती जहरीली होती जा रही है। जमीन की उर्वरक क्षमता दिन-प्रतिदिन कम हो रही है। इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने 27 कीटनाशकों को प्रतिबंधित कर दिया है। इस संबंध में अधिसूचना जारी होने के बाद अब उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों में भी इन्हें प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। ये वे कीटनाशक हैं, जिन्हें मानव जाति के साथ ही अन्य जीवों के लिए खतरनाक माना गया है।
इन कीटनाशाक पर प्रतिबन्ध लगा है जिसमें ऐसफेट, अल्ट्राजाइन, बेनफराकारब, बुटाक्लोर, कैप्टन, कारबेडेंजिम, कार्बोफ्यूरान, क्लोरप्यरिफॉस, 2.4-डी, डेल्टामेथ्रीन, डिकोफॉल, डिमेथोट, डाइनोकैप, डियूरॉन, मालाथियॉन, मैनकोजेब, मिथोमिल, मोनोक्रोटोफॉस, ऑक्सीफ्लोरीन, पेंडिमेथलिन, क्यूनलफॉस, सलफोसूलफूरोन, थीओडीकर्ब, थायोफनेट मिथाइल, थीरम, जीनेब व जीरम शामिल है।
बागवानी मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि इन घातक कीटनाशकों पर हिमाचल सरकार भी प्रतिबंध लगाएगी विश्व के कई ऐसे देश हैं, जहां ये कीटनाशक पहले से ही प्रतिबंधित हैं। केंद्र सरकार ने इन कीटनाशकों की विशेषज्ञों से रिपोर्ट मांगी थी, जिसमें यह बात सामने आई कि 27 ऐसे कीटनाशक हैं, जिनका इस्तेमाल मनुष्य, पशु-पक्षियों, जलीय जीवों के लिए खतरनाक है। इसके बाद केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने इन कीटनाशकों को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है।