जिस प्रिंटिंग प्रेस में यह प्रकाशित हुए वह किस नेता के करीबी की प्रिंटिंग प्रेस,यह जांच भी होनी चाहिए कि इस के तार किस नेता से जुड़े
बिलासपुर
ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव पूर्व सीपीएस तथा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राजेश धर्माणी ने पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले पर सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मे दारी लेनी चाहिए सिर्फ इतना कह देने से कुछ नहीं होने वाला कि इसकी जांच सीबीआई करेगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में यह जांच भी होनी चाहिए कि इस के तार किस नेता से जुड़े हैं और जिस प्रिंटिंग प्रेस में यह प्रकाशित हुए थे वह किस नेता के करीबी की प्रिंटिंग प्रेस है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के राज में कभी कंडक्टर भर्ती परीक्षा, कभी एचपीयू यूजी प्रथम और द्वितीय वर्ष परीक्षा का पेपर तो कभी जूनियर ऑफिस एसिस्टेंट पेपर लीक मामला या फिर अब पुलिस कांस्टेबल भर्ती पेपर लीक मामला सामने आया है। इस तरह से न जाने कितने पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो गए हैं जो सरकार पर कई सवाल खड़े करते हैं।
उन्होंने कहा कि जयराम सरकार पिछले साढ़े चार सालों से पढ़े लिखे युवाओं के साथ छलावा और धोखा कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि पेपर लीक पर कोई बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जो पैसों की खातिर युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा है। धर्माणी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अब तक चंद लोगों को गिरफ्तार कर अपना पाला झाड़ा है। पेपर लीक के तार दिल्ली तक जुड़े हुए हैं ऐसे में संदेह पैदा होता है कि भाजपा की प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार की मिलीभगत से यह सब चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 लाख से ज्यादा बेरोजगार युवक है। आखिर प्रदेश सरकार कब तक इन बेरोजगारों के साथ धोखा करती रहेगी। धर्माणी ने सवाल किया कि आखिर परीक्षा होने से पहले ही पेपर लीक कैसे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर परीक्षा में करीब 70 हजार युवा परीक्षा देते हैं पहले ही परीक्षा के लिए भारी भरकम फीस वसूली जाती है और बाद में पेपर लीक हो जाता है।
उसके बाद अपने चहेतों को नौकरी बांट दी जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की है कि इस कांड में कौन कौन जुड़ा है उसका पर्दाफाश किया जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आगे कोई भी युवाओं के साथ धोखा न कर सके।