मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज यहां बचाव, राहत और बहाली कार्यों की निगरानी और प्रदेश में भारी बारिश से हुए नुकसान की समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों के सचिवों और सभी जिला के उपायुक्तों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की।
मुख्य सचिव ने कहा कि हजारों की संख्या में राहत बल के जवान, पुलिस बल, स्थानीय प्रशासन और मशीनरी इस प्राकृतिक आपदा से उभरी परिस्थितियों से निपटने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं। सरकार जल प्रलय के कारण विभिन्न क्षेत्रों में फंसे लोगों को निकलाने को प्राथमिकता दे रही है।
प्रबोध सक्सेना ने सभी सचिवों और उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में सभी आवश्यक सेवाएं सुचारू रूप से संचालित की जा रही हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सड़क, बिजली बहाली, पानी की आपूर्ति, चिकित्सा सुविधाएं, संचार सेवाएं, विशेष रूप से मोबाइल कनेक्टिविटी, और ईंधन आपूर्ति की बहाली पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके लिए सरकार की ओर से हर संभव वित्तीय सहायता तुरंत प्रदान की जाएगी।
मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश दिए कि वे राहत एवं बचाव कार्यों की अद्यतन जानकारी निरन्तर साझा करें और जिलों में सामान्य स्थिति लाने के लिए उनके समक्ष आ रही चुनौतियों का भी ब्यौरा उपलब्ध करवाएं। जिलों में अधिकांश प्रमुख सड़कों, संचार लाइनें, बिजली आपूर्ति और जल पंपिंग स्टेशनों की मरम्मत कर इन्हें कार्यशील कर दिया गया है। उन्होंने अधिकारियों को शेष सड़कों, बिजली आपूर्ति और अन्य आवश्यक सेवाओं को कम से कम समय में बहाल करने के निर्देश दिए।
प्रबोध सक्सेना ने अधिकारियों को विभिन्न संवेदनशील ट्रैकिंग मार्गों और दर्रों पर पेशेवरों की एक बचाव टीम भेजने के निर्देश दिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई वहां फंसा न रहे।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, बिजली विभाग, परिवहन, पर्यटन, उद्योग, ऊर्जा, कृषि, बागवानी और अन्य विभागों, बोर्डों तथा निगमों को हुए नुकसान और क्षति की भी जानकारी ली।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि विक्रेता अवैध जमाखोरी और मूल्य मुद्रास्फीति जैसी गड़बड़ियों में शामिल न हों।