हमीरपुर, 24 जून
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में अब प्रजातंत्र नाम की कोई चीज नहीं रही है बल्कि सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी महज एक प्राइवेट लिमिटेड बनकर रह गई है जिसमें मुख्यमंत्री सुक्खू , उनका परिवार, प्रदेश के मंत्री और उनके परिवारजनों के साथ साथ मित्र मंडली का ही एक छत्र राज हो गया है और पार्टी कार्यकर्ताओं की कहीं कोई पूछ नहीं हो रही है।
आज यहां जारी एक बयान में राजेंद्र राणा ने कहा कि केंद्र में तो पहले से ही कांग्रेस पार्टी एक परिवार की प्राइवेट लिमिटेड पार्टी बनकर रह गई थी और अब प्रदेश में भी कांग्रेस पार्टी एक प्राइवेट लिमिटेड की तरह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का नामकरण अब प्राइवेट लिमिटेड कर देना चाहिए क्योंकि इसमें अब कोई सिद्धांत व उसूल नहीं बचे हैं। उन्होंने कहा सरकार के काम करने के तौर तरीके और मुख्यमंत्री का तानाशाही रवैया लोकतांत्रिक परंपराओं से कतई मेल नहीं खाता। चुने हुए विधायकों पर जिस तरह राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से झूठ केस बनाए गए और पुलिस तंत्र का इस्तेमाल विरोधियों को कुचलने के लिए किया जा रहा है, उससे यह साबित हो गया है कि प्रदेश में अब लोकतंत्र का अपहरण हो चुका है। उन्होंने कहा कि यह अलोकतांत्रिक सरकार अपने ही वजन से खुद गिर जाएगी।
राजेंद्र राणा ने तंज कसते हुए कहा कि जो लोग राज्यसभा चुनाव में बाहरी प्रत्याशी प्रदेश पर थोंप कर हिमाचल के स्वाभिमान को बेच रहे थे और हिमाचल के हितों से खिलवाड़ कर रहे थे, वे लोग अपने आप को साधु कहलवाने लगे हैं । लेकिन जिन लोगों ने हिमाचल के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ी और हिमाचल के हितों से खिलवाड़ नहीं होने दिया व प्रदेश के बेरोजगारों के पक्ष में आवाज बुलंद की थी, उन्हें बिकाऊ करार दिया जा रहा है।
राजेंद्र राणा ने कहा कि आज प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवाला पिट रहा है। युवाओं के रोजगार के दरवाजे बंद पड़े हैं। विकास कार्य ठप पड़े हैं। लेकिन सुक्खू सरकार सत्ता के नशे में मस्त होकर चैन की बंसी बजा रही है और एक प्राइवेट लिमिटेड की तरह प्रदेश को हांक रही है।