हिमाचल प्रदेश के बद्दी-चंडीगढ़ रेल लाइन के लिए ट्रैक बनाने का काम बद्दी क्षेत्र में शुरू हो गया है। रेलवे बोर्ड से टेंडर अवार्ड होने के बाद निर्माण ठेकेदार ने जमीन को समतल कर ट्रैक बनाने के लिए मजदूर लगा दिए हैं। जमीन समतल होने के बाद ट्रैक के लिए पत्थर भरान का कार्य होगा।
करीब 1500 करोड़ रुपये की लागत से चंडीगढ़ से बद्दी तक 30.295 किमी लंबी यह रेल लाइन बननी है। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र के लिए रेलवे लाइन बिछने से उद्योगों को काफी राहत मिलने वाली है। हिमाचल में 3.5 किलोमीटर ट्रैक बिछाया जाना है जिसमें 9 गांवों के 300 से अधिक किसानों की जमीन रेलवे लाइन के बीच में आई है। विभाग ने रेलवे लाइन के बीच आने वाली जमीन की निशानदेही कर उसका अधिग्रहण कर लिया है। अधिकांश लोगों को जमीन का पैसा भी मिल चुका है।
इस प्रोजेक्ट को वर्ष 2007 में केंद्र सरकार की मंजूरी मिली थी। जून 2019 में सरकार ने इसे स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट घोषित कर दिया था। इस प्रोजेक्ट में हिमाचल की 34 हेक्टेयर जमीन रेलवे लाइन के बीच में आ रही है। जिसमें अधिकांश किसानों को जमीन का मुआवजा मिल गया है। चार हेक्टेयर जमीन का अभी और अधिग्रहण होना, जिसकी सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी और सरकार की ओर से मुआवजा का पैसा भी आ चुका है। चुनाव के चलते अधिग्रहण का कार्य रूक गया था जिसे अब जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
हिमाचल की सराजमाजरा लबाना, बद्दी शीतलपुर, चक जंगी, कल्याणपुर, बिलांवाली गुजरां, लंडेवाल, संडोली, हरिपुर संडोली, और केंदूवाल गांव के तीन सौ अधिक किसानों की जमीन इस लाइन में आई है। हिमाचल का इसमें साढे़ तीन किलोमीटर रेल लाइन हिस्सा है….बाकी जमीन हरियाणा राज्य में आ रही है। प्रस्तावित रेल लाइन सूरजपुर से शुरू होकर हरियाणा के धमाला, लोहगढ़, खेड़ा-टांडा जोलूवाल, कौना, मंड़ावाला और हिमाचल के शीतलपुर स्थित कंटेनर डिपो केंदूवाला होते हुए संडोली तक पहुंचेगी।
बद्दी क्षेत्र में प्रस्तावित रेल लाइन का कार्य शुरू हो चुका है। इस पूरे प्रोजेक्ट पर 1500 करोड़ रुपये का खर्चा होगा। साल 2025 तक रेल लाइन प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.