आईजीएमसी व टांडा में सोमवार को सभी संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव निकलने से स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली। आईजीएमसी में तीन संदिग्ध मरीजों के कोरोना वायरस के टैस्ट लिए गए थे, इनमें से दो संदिग्ध कोराना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में थे। ऐसे में इनकी रिपोर्ट आने का प्रशासन को बेसब्री से इंतजार था। दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव निकलने से आईजीएमसी प्रबंधन प्रसन्न है।
आईजीएमसी में अब तक कोरोना का एक भी पाॅजिटिव मामला सामने नहीं आया है। आईजीएमसी के एमएस डाॅक्टर जनक राज ने बताया कि दोनों संदिग्ध कोराना पीड़ित के संपर्क में थे, लेकिन इनकी रिपोर्ट में कोरोना के लक्षणों की पुष्टि नहीं हुई है।
उधर, टांडा मैडिकल कालेज में सोमवार को 10 सैंपलों की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई है। वहीं टांडा में उपचाराधीन लंज के पॉजिटिव युवक की रिपोर्ट दो बार नेगेटिव आने के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी देकर घर भेज दिया गया है। हालांकि दूसरी महिला मरीज की रिपोर्ट एक सप्ताह बाद भी पॉजिटिव ही है। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने बताया कि अब तक प्रदेश में कुल 212 लोगों की कोविड-19 के प्रति जांच की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कुल 3085 लोग निगरानी में रखा गया हैं और जिनमें से 937 लोगों ने 28 दिन की जरूरी निगरानी अवधि को पूरा कर लिया है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यालय में टेलीमेडिसन हब शुरू कर दिया गया है इसमें मेडिसन, पीडियाट्रिक्स, सायकेट्री के विशेषज्ञ दिन में 2 शिफ्टों में टेली- परामर्श की सेवाएं प्रदान करेंगे। इस हब में टेली परामर्श लेने के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों से जोड़ा सकेगा।
उन्होंने आगे बताया कि स्वास्थ्य विभाग प्रदेश में एक एक्टिव केस फाइनडिंग अभियान के तहत 1 अप्रैल से विभिन्न स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों के घरद्वार जाकर कोविड-19 के लक्ष्णों के बारे में जानकारी प्राप्त करेगा। इस अभियान के तहत हर आशा गांव में दो लोगों की टीम घर-घर जाकर हर व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेगी एवं उसे गुगल फाॅर्म के माध्यम से विभाग के साथ सांझा करेगी। यह अभियान प्रतिदिन सुबह 9 बजे से शाम के 4 बजे तक चलेगा। इस अभियान के उपरान्त जो भी व्यक्ति संदिग्ध दायरे में आएंगे उनकी दिशा-निर्देशों अनुसार जांच की जाएगी।