जिला कांग्रेस कमेटी शिमला ग्रामीण के अध्यक्ष श्री यशंवत छाजटा ने जारी बयान में कहा है कि बेमोसमी बर्फबारी और ओलावृष्ठि ने किसानों और बागवानों की कमर तोड़ कर रख दी। ऊपरी शिमला के विभिन्न क्षेत्रों में बीते शुक्रवार को ओलावृष्टि से सेब और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है।। इससे पहले भी बेमोसमी बर्फबारी से बागवानों के सेब के पौधे तक उखड़ गए थे।
जिसको लेकर कांग्रेस पार्टी ने पहले भी उपरी क्षेत्र में हुए नूकसान का मुआयना प्रदेश अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह राठौर की अध्यक्षता मे किया था और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिल कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा था और किसानों बागवानों को हुए नुकसान लेकर जल्द से जल्द राहत की मांग की थी।। उन्होंने कहा कि जहाँ पहले ही कृषि और बागवानी क्षेत्र को भारी नुकसान हुआ है वही अब ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों की परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
छाजटा ने कहा है कि कोरोना संकट काल मे अभी तक तो सरकार कोई राहत दे नही पाई लेकिन कांग्रेस आशा करती है कि किसानों और बागवानों को हुए नुकसान का जल्द आकलन कर उन्हें राहत प्रदान की जायेगी। उन्होंने कहा है कि बागवान हताश है और उनकी रोजी रोटी के साधन पर प्रभाव हुआ है। ऐसे में सरकार किसान और बागवान हितेषी होने का जो दावा करती है, उस पर खरा उतरते हुए किसानों और बागवानों के लिये राहत पैकेज जारी करे।
सरकार को कड़े फैसले लेने की जरूरत
छाजटा ने कहा है कि सरकार के गलत फैसलों और नीतियों से आम जनता की परेशानियां बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा की सरकार को कोरोना सक्रमण की चैन तोड़ने के लिए कड़े फैसले लेने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह करोना कर्फ्यू के निर्णय लिया गया है अव्यवहारिक है । छाजटा ने कहा कि सरकार कि इसे फैसले से अनुभवहीनता नज़र आतीं हैं
उन्होंने ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन का मूलभाव को समझे बिना ऐसे फैसले लिए गए हैं जो करोना रोकने के लिए कोई भूमिका नहीं निभा सकते । लेकिन सरकार द्वारा करोना कर्फ्यू के दिशा निर्देश उस लूंगी के समान है जो ऊपर से तो कसकर बांधी हुई है लेकिन नीचे से सब कुछ खुला है इस इस तरह के फरमानों से करोना की रोकथाम में कोई फायदा नहीं होगा।।