कांगड़ा जिले में स्थित पालमपुर में पहले एक महिला के पति की कोरोना ने जान ले ली फिर उसके बेटे का भी निधन हो गया। इस महामारी ने तीन महीने में पूरे परिवार को बिखेर कर रख दिया है। घर के लिए रोजी रोटी कमाने वाले दोनों लोगों की जिंदगी कोरोना ने छीन ली है। मिली जानकारी के मुताबिक़, पालमपुर के भंवारना क्षेत्र के समाना गांव में अब इस परिवार में केवल सास और बहू ही बची हैं।
संतोष और रुचि बताती हैं कि कैसे कोरोना ने उनके परिवार को उनसे छीन लिया। संतोष कहती हैं उनके पति राकेश को बुखार के बाद छाती में इन्फेक्शन हो गया था और टांडा मेडिकल कॉलेज में सात दिन इलाज के बाद उनकी मौत हो गई। संतोष का बेटा अनिल गुलेरिया (39) प्रिटिंग प्रेस में डिजाइनर था और पांच मई को कोरोना संक्रमित हो गया। पाचं दिन इलाज के बाद उसकी भी धर्मशाला कोविड अस्पताल में मौत हो गई। अब परिवार में 33 साल की बहू और वहीं बची हैं। दोनों कमाने वाले चले गए हैं।