बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म व हत्या मामले में अब पीडि़त पक्ष हाईकोर्ट से इंसाफ मांगेगा। इसे लेकर इसी सप्ताह कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। इसे मृतका की मां की ओर से दायर किया जाएगा। इसके लिए कानून के जानकारों से चर्चा की गई है। इनके वकीलों ने याचिका का खाका भी तैयार कर लिया है। इसे अंतिम रूप प्रदान किया जा रहा है। इसमें सीबीआइ से ही दोबारा जांच यानी रि- इन्वेस्टीगेशन की मांग की जाएगी। छात्रा मृतका की (मां) इंसाफ के लिए सुप्रीमकोर्ट तक पहुंची थी। शीर्ष कोर्ट से याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की बात कही।
गौरतलब है कि पीड़ित परिवार को अभी तक न्याय नहीं मिला है। उन्होंने सीबीआइ जांच पर भी सवाल उठाए हैं। कोर्ट तक केस को मदद सेवा ट्रस्ट के माध्यम से पहुंचाया गया था। आगे भी कानूनी लड़ाई यही ट्रस्ट लड़ेगा। इस ट्रस्ट ने शिमला में आंदोलन भी किया था। जघन्य अपराध के बाद से प्रदेश भर में ऊबाल आ गया था। लोग न्याय मांगने सड़कों पर उतर आए थे। हाईकोर्ट ने उस वक्त खुद संज्ञान लिया था। छात्रा दुष्कर्म व हत्या मामला और कोटखाई थाने में हुई एक आरोपित सूरज की मौत मामले के सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे।
मदद सेवा ट्रस्ट के सचिव विकास थापटा का कहना है इसी सप्ताह हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। जुलाई 2017 के बाद अभी तक छात्रा को न्याय नहीं मिला है। ट्रस्ट पूरी तरह से पीडि़त परिवार के साथ खड़ा है। पहले राज्य सरकार से भी छात्रा के मां-बाप से मुलाकात की थी। लेकिन आश्वासनों के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगा।
क्या है मामला
कोटखाई के गांव हलाईला क्षेत्र में 15 साल की स्कूली छात्रा के साथ 4 जुलाई को 2017 को दुष्कर्म हुआ और फिर निर्मम हत्या कर दी गई। पहले जांच पुलिस ने की। पुलिस ने जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया, उनमें से सूरज की कोटखाई थाने की हवालात में मौत हो गई थी। इससे जनता सड़क पर उतर आई थी। इसके बाद हाईकोर्ट ने दोनों मामलों की सीबीआइ जांच के आदेश दिए थे। जांच में पुलिस की थ्योरी गलत साबित हुई। सीबीआइ ने सभी आरोपितों को क्लीन चिट दी, जबकि बाद में छात्रा के साथ दुष्कर्म और हत्या मामले में चिरानी अनिल कुमार उर्फ नीलू को गिरफ्तार किया। इस मामले का शिमला की एक अदालत में ट्रायल चल रहा है। यह ट्रायल अंतिम चरण तक पहुंच गया है।