6 संसदीय सचिव, 10 से अधिक कैबिनेट रैंक वाले दोस्त, 100 से ज्यादा चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, मेंबर, एजी और अनेकों मित्रों की एडजसमेंट इस सरकार की फिजूल खर्ची की ओर इशारा
शिमला, भाजपा प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल शर्मा ने कहा की एक तरफ कांग्रेस के कैप्टन और प्लेइंग इलेवन प्रदेश की कमज़ोर वित्तीय स्तिथि का रोना रोते है और दूसरी ओर उनके कैप्टन एक्स्ट्रा प्लेयर के लिए जगह बनाते है।
एक सरकारी नोटिफिकेशन में सरकार बोर्ड के अध्यक्ष का मानदेय 30 हज़ार से 1 लाख 30 हज़ार कर दिया यह सरकार का दो चेहरा चरित्र दिखाता है। एक जगह कांग्रेस के मुख्यमंत्री वेतन छोड़ने की बात करते और दूसरी ओर अपने एक और खास मित्र के लिए बड़ी हुई सैलरी वाली पोस्टिंग को उत्पन करना कांग्रेस के चरित्र को दर्शाता है।
उन्होंने कहा की 6 संसदीय सचिव, 10 से अधिक कैबिनेट रैंक वाले दोस्त, 100 से ज्यादा चेयरमैन, वाइस चेयरमैन, मेंबर, एजी और अनेकों मित्रों की एडजसमेंट इस सरकार की फिजूल खर्ची की ओर इशारा करता है। हिमाचल प्रदेश में कुप्रबंधन अपने चरम पर चल रहा है हिमाचल प्रदेश पर इस समय 87 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और अगले वित्त वर्ष से पहले यह कर्ज का आंकड़ा 1 लाख रुपए को पार कर जाएगा। हिमाचल प्रदेश का सालाना बजट 58 हजार 444 करोड़ रुपए का है, जिसमें से वेतन, पेंशन और कर्ज चुकाने में प्रतिवर्ष 42 हजार 79 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। मुख्यमंत्री कभी विधायकों के वेतन को छोड़ने की बात करते है तो कभी शुरू करने की, खुद मुख्यमंत्री बड़ी बड़ी बाते करते है। हिमाचल प्रदेश में जनता के ऊपर लगातार भोज बढ़ रहा है और उसके पीछे केवल मात्र हिमाचल की आर्थिक स्थिति की बात होती है, पर इस दौर के अंतर्गत एक बोर्ड के अध्यक्ष का वेतन 30000 से सीधा 130000 कर दिया जाता है यह साफ दिखता है कि मुख्यमंत्री अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए किसी भी प्रकार के कदम उठा सकते हैं, यह मित्रों की सरकार है और सरकार में मित्रों को ही फायदा पहुंचेगा यह इस निर्णय से स्पष्ट हो जाता है। आर्थिक संकट में यह निर्णय निंदनीय है।
उन्होंने कहा की रिटायर्ड को फिर नौकरी पर रखना भी हिमाचल पर वित्तीय बोझ और युवा के साथ धोखा है। अपने मित्रों को सब कुछ और जनता को असुविधा के वातावरण में धकेलना इस सरकार का काम हैं। आईजीएमसी में मुफ्त ओपन हार्ट सर्जरी बंद करना सरकार की मंशा की पराकाष्ठा है। हिमकेयर और आयुष्मान योजना के बिलों का भुगतान न होने पर दवा विक्रेताओं का उपकरण और दवाएं देने से इन्कार कर दिया। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) में स्वास्थ्य योजनाओं के तहत मुफ्त में होने वाली ओपन हार्ट सर्जरी बंद हो गई है। हिमकेयर और आयुष्मान योजना के तहत जो मरीज अस्पताल में उपचार करवाने आ रहे हैं उन मरीजों को अब चिकित्सकों ने घर भेजना शुरू कर दिया है।