हजारों लोगों ने जैईश्वरी माता के मंदिर में किए दर्शन
शिमला 25 अक्तूबर । जैईश्वरी माता मंदिर धरेच घाट में बुधवार को करीब दस हजार लोगों ने दशहरा उत्सव पर माता के दर्शन कर आर्शिवाद प्राप्त किया । कसुंपटी निर्वाचन क्षेत्र के धरेच में माता नगरकोटी का प्राचीन मंदिर है जहां पर हर वर्ष दशहरा उत्सव पर मेले का आयोजन होता है । सबसे अहम बात यह है कि इस मेले में देवी दर्शन के अलावा कोई अन्य गतिविधियां नहीं होती । दूरदराज क्षेत्र रतेश, फागू , क्योंथल, ठियोग और धरेच क्षेत्र के लोग मंदिर में मनौती चढ़ाने आते हैं जिसमें विशेषकर लोग अपने छोटे बच्चों के मुंडन करवाने आते हैं । माता के बजीर शिव राम शर्मा के अनुसार जैईश्वरी नगरकोटी माता बहुत प्रत्यक्ष देवी है और अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण करती है । विशेषकर निःसंतान दंपतियों की सूनी गोद देवी निश्चित रूप से भर देती है । उन्होनें बताया ं कि परंपरा के अनुसार हर वर्ष शरद नवरात्रे की दुर्गा अष्टमी पर जैईश्वरी माता धरेच का प्राचीन वाद्ययंत्रों ढोल नगाड़ों व शहनाई के साथ घाट स्थित में प्राचीन मंदिर अर्थात मौंड़ में आगमन होता है जहां पर माता चैदश तिथि तक भक्तों को दर्शन देने के लिए विराजमान रहती है और शरद पूर्णिमा को वापिस अपने मंदिर धरेच में चली जाती है । इस दौरान लोग दूर-दूर से आकर मंदिर में आकर मनौती चढ़ाते हैं ।
बजीर शिव राम शर्मा ने बताया कि अतीत में इस मंदिर में बलि प्रथा हुआ करती थी जिसे काफी वर्षों पहले मंदिर कमेटी द्वारा बंद कर दिया गया है । सबसे बड़ा मेला दशहरा के दूसरे दिन एकादशी को लगता है । जिसमें माता के दर्शनों के लिए जन सैलाब उमड़ता है । इस मंदिर में चावल के दाने प्रसाद रूप में दिए जाते हैंे जिसे लोग अपने घरों में सहेज कर रखते हैं ताकि किसी नाकारात्मक शक्ति का घर में प्रवेश न हो । उन्होने बताया कि मंदिर में आठ दिन तक समिति द्वारा लंगर का आयोजन किया जाता है । जिसमें एकादशी के अवसर पर दस क्ंिवटल चावल की खपत हो जाती है अर्थात करीब दस हजार लोग माता के दर्शन को आते हैं ।