दाड़लाघाट व आसपास के क्षेत्रों की हर गली हर मोहल्ले में आवारा कुत्तों की तादात बढ़ चुकी है। आवारा कुत्तों के झुंड आम लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं। लोगों की मुश्किल यह है कि वे अपनी परेशानी बताएं तो बताएं किसे? न कोई अधिकारी सुनने वाला है न कोई विभाग इस तरफ ध्यान दे रहा है। ये कहना है दाड़लाघाट के स्थानीय लोगों का। लोगों बताया कि कई इलाकों में आलम यह है कि कुत्तों के इन झुंडों की वजह से बच्चों, बुजुर्गों, महिलाओं का अकेले घर से निकलना दूभर हो गया है। आए दिन आवारा कुत्तों के कारण छोटे-मोटे हादसे हो रहे हैं। रात्रि के समय यदि किसी को अपने ही घर जाना हो या फिर घर से बाहर किसी काम से जाना हो तो 10-12 कुत्तों का समूह पीछे पड़ भौंकने लग जाता है। लोगों की मांग है कि प्रशासन इस तरफ ध्यान दे।
दाड़ला चौक में कई कुत्ते इतने खूंखार बन चुके है कि आपस में ही एक-दूसरे को काट देते हैं व लहूलुहान हो जाते हैं। इनकी हालत देख साधारण व्यक्ति भयभीत हो जाता है। इन आवारा कुत्तों से परेशान जनता प्रशासन से इसके कुछ समाधान की मांग कर रही है। दाड़लाघाट निवासी पूर्णिमा, सत्या ठाकुर, रीना, अनिल गुप्ता, ओमप्रकाश शर्मा, इंदर सिंह चौधरी, नरेंद्र सिंह चौधरी, मनोज गौतम, पवन, मदन, हेमराज, हंसराज, अरुण, निशांत गुप्ता, अमित, संजू, पंकज, राजेंद्र कपिल, नीरज कपिला, प्रदीप, मनोज, सुमन सहित स्थानीय ग्रामीणों ने बताया की दाड़लाघाट में आवारा कुत्तो का आतंक है। जगह-जगह कुत्ते इकट्ठे हो कर जोर-जोर से भौंकते हुई लड़ाई झगड़ा कर लोगों को परेशान करते है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरफ ध्यान दे ताकि स्थानीय लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।