हमीरपुर 20 मार्च। उपायुक्त अमरजीत सिंह ने वीरवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं अभियानों से संबंधित पांच अलग-अलग जिला स्तरीय समितियों की बैठक की अध्यक्षता करके इन योजनाओं एवं अभियानों की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि इस योजना मंे शामिल किए गए जिला के पांचों गांवों में सभी विकास कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए। अगर किन्हीं कारणों से कोई विकास कार्य आरंभ नहीं हो पाया है तो पंचायत प्रधान और सचिव उसे डायवर्ट करने की प्रक्रिया को भी तुरंत पूरा करें। पूर्ण हो चुके कार्यों की रिपोर्ट जिला कल्याण अधिकारी से भी साझा करें, ताकि इन्हें पोर्टल पर अपडेट किया जा सके।
अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के नए 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान उपायुक्त ने कहा कि सभी संबंधित विभाग अल्पसंख्यक वर्गों के पात्र लोगों को चिह्नित करें और उन्हें विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करें।
जिला में नशा मुक्त भारत अभियान 2.0 की प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने कहा कि नशा एक बहुत ही गंभीर समस्या बन चुकी है और विशेषकर, युवा पीढ़ी बड़ी तेजी से इसकी चपेट में आ रही है। उन्होंने कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अलावा पुलिस, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और अन्य विभाग भी अपने-अपने स्तर पर अभियान चला रहे हैं। इन सभी विभागों की विभिन्न गतिविधियों का समावेश करके तथा इनमें आम लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करके नशा विरोधी अभियान को एक जन आंदोलन का रूप दिया जा सकता है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
जिला स्तरीय दिव्यांगता समिति की बैठक में उपायुक्त ने कहा कि दिव्यांगों के अधिकारों की रक्षा और उनके कल्याण एवं सशक्तिकरण के लिए दिव्यांगता अधिकार अधिनियम 2016 में कई विशेष प्रावधान किए गए हैं। जिला में इन सभी प्रावधानों की अक्षरशः अनुपालना होनी चाहिए तथा दिव्यांगों से संबंधित सभी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र दिव्यांगों तक पहुंचना चाहिए। उन्हांेने कहा कि सभी भवनों, सार्वजनिक स्थलों, परिवहन सेवाओं और अस्पतालों इत्यादि में दिव्यांगों के लिए निर्धारित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होनी चाहिए।
उपायुक्त ने हाथ से मैला उठाने वाले सफाई कर्मचारियों के नियोजन प्रतिषेध एवं उनका पुनर्वास अधिनियम-2013 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की भी अध्यक्षता की। उन्होंने सभी शहरी निकायों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे सफाई कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जिला में आधुनिक शौचालयों के निर्माण के कारण अब पुराने ढंग से मैला ढोने का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। लेकिन, सेप्टिक टैंकों, शौचालयों और नालियों की सफाई के लिए अक्सर सफाई कर्मचारियों की सेवाएं ली जाती हैं। इन कर्मचारियों के पास सभी आवश्यक उपकरण एवं सुरक्षा किट होनी चाहिए तथा उनके स्वास्थ्य की नियमित रूप से जांच की जानी चाहिए।
उक्त पांचों समितियों की बैठकों में जिला कल्याण अधिकारी रमेश बंसल ने विभिन्न योजनाओं एवं अभियानों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष बबली देवी, संबंधित विभागों के अधिकारी तथा उक्त समितियों के गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे।
डीसी ने कल्याण विभाग की 5 अलग-अलग समितियों की बैठक की अध्यक्षता

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