बंजार (कुल्लू): अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के लिए कुल्लू की धरा ढोल नगाड़ों की थाप से देवमय हो गई है। जिले की बंजार घाटी के देवी-देवता ढालपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
उपमंडल बंजार घाटी के आराध्य देवता श्रृंगा ऋषि अपने हारियानों के साथ कुल्लू की ओर रवाना हो गए हैं। वे वीरवार शाम ढालपुर स्थित अस्थायी शिविर में विराजमान होंगे। देवता का रथ मंगलवार सुबह देवालय बागी से रवाना हुआ। बंजार पहुंचने पर लोगों ने जगह-जगह उनका भव्य स्वागत किया। देवता के निकलने से पहले मंदिर में देव विधान के साथ पूजा की गई। उसके बाद ढोल-नगाड़ों की थाप पर देवता मंदिर से रवाना हुए।मंगलवार शाम देवता बंजार के खुंदन में रुके। बुधवार को देवता टकोली में रात्रि विश्राम करेंगे। देवता श्रृंगा ऋषि के पुजारी जितेंद्र शर्मा, कारदार वीरेंद्र कुमार ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए देवता मंदिर से रवाना हो गए हैं। 15 से 21 अक्तूबर तक मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय देव समागम कुल्लू दशहरा के लिए बंजार घाटी के देवता बुंगडू महादेव, देवता पझारी बाहू, देवता शेष नाग जिभी, माता पंचालिका, ईश्वर महादेव सहित कई देवरथ कुल्लू के लिए निकल गए हैं।