बंजार पंहुचने पर देव श्री वड़ा छंमाहू व देव श्री श्रृगा ऋषि का हुआ भव्य मिलन
कुल्लू
सृष्टि के रचयिता देव श्रीबड़ा छमाहूं 105 वर्षों के बाद बंजार मेले की शोभा बढ़ाने के लिए वीरवार को मेला मैदान वंजार पंहुचे,जहाँ देव श्री वड़ा छंमाहू व देव श्री श्रृगा ऋषि का भव्य मिलन हुआ। देवता की शोभायात्रा कोटला गांव से लाव-लश्कर के साथ गुरुवार सुबह शुरू हुई और 4 बजे बंजार पहुंची । वंजार पंहुचने पर देवता श्रृंगा ऋषि सहित मेले में आए अन्य देवी-देवताओं से भव्य मिलन हुआ। देवता के इस कार्यक्रम से श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है और कोटला गांव से बंजार तक देवता का जगह जगह भव्य स्वागत हुआ। देवता के पुजारी धनेश गौतम, कारदार मोहन सिंह व देवता छमाहूं विकास कमेटी के सचिव शेर सिंह ने बताया कि देवता ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि वह किसी बड़ी आपदा के समाधान के लिए बंजार जा रहे हैं। जहां मेले में विराजमान होकर श्रद्धालुओं को दर्शन देंगें वहीं स्थानीय देवताओं से भी गुप्त मंथन होगा । वता दे कि सृष्टि के रचयिता देव श्रीबड़ा छमाहूं जहाँ 105 वर्षों वाद वंजार मेंले की शोभा वड़ा ने के लिए पंहुचे है वही लक्ष्मी नारायण थणी चेडा व लक्ष्मी नारायण कलवारी भी पहली वार वंजार मेंले में शामिल हुए हैं। उल्लेखनीय है कि आराध्य देवता देव श्री श्रृगा ऋषि की अगुवाई में मनाए जाने वाले जिला स्तरीय बंजार मेले में देवी देवताओं का भव्य मिलन हुआ है इस देव मिलन के हजारों लोग गवाह बने हैं। खास वात यह है कि सृष्टि के रचयिता देव श्री बड़ा छंमाहू 105 वर्षों वाद हजारों देवलू संग लाव लश्कर के साथ मेंला मैदान वंजार पंहुचे है जहाँ देवता कमेटी व मेला कमेटी ने वड़ा छंमाहू का जोरदार स्वागत किया है। वता दे कि जिला स्तरीय बंजार मेले का शुभारंभ देवता श्रृंगा ऋषि की शोभा यात्रा के वाद वुधवार को आगाज हुआ है और वीरवार को देव श्री वड़ा छंमाहू 105 वर्षों वाद मेंले की शोभा वढ़ाने के लिए पंहुचे है । बुधवार को सांय करीब 3 बजे देवरथ के साथ सैंकडों हारियानों बंजार मेला मैदान में सुंदर लाव लशकर के साथ पहुचें ।इस रथ यात्रा के साथ ही जिला स्तरीय बंजार मेला का विधिवत आगाज हुआ है । वर्षों से देव परंपरा का निर्वाह करते हुए देवता श्रृृंगा ऋषि की भव्य जलेव यात्रा हजारों श्रद्धालुओं हारियानों सहित दर्जनों वाद्य यंत्रों के साथ जैसे ही जलेव यात्रा मेला ग्रांउड में पहुंची स्कूली छात्राओं सहित लोगो द्वारा फूलों की वर्षा कर देवता का स्वागत किया यह नजारा देखने योग्य था। वहीं इस वर्ष घाटी के करीब डेढ दर्जन देवी देवता मेले में शिकरत करने पहुचे है । 15 मई से 19 मई तक चलने वाले पांच दिवसीय बंजार मेला मुख्य रूप से वंजार घाटी की पांच कोठी चैंहणी ,खाडागाड , त्रिलोकपूर, शिकारी व फतेहपूर के प्रमुख देवता श्रृंगा ऋषि के सम्मान में मनाया जाता हैं। जिला स्तर बंजार मेला जहां देवता
श्रृंगा ऋषि को समर्पित है। वहरहाल देव श्री वड़ा छंमाहू 105 वर्षों वाद लाव लश्कर के साथ वंजार मेंले में पंहुचे है जहाँ देव श्री श्रृगा ऋषि व देव वड़ा छंमाहू का भव्य मिलन हुआ है।