धू-धू कर जले रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण पुतले
शिमला 24 अक्तूबर । राजधानी से सटे जुन्गा में जिला स्तरीय दशहरा मेला मंगलवार को लंका दहन के साथ आरंभ हुआ। परंपरा के अनुसार तत्कालीन क्योंथल रियासत के शासक खुश विक्रम सेन की अगुवाई में राजमहल से रघुनाथ की पालकी वाद्य यंत्रों के साथ शोभा यात्रा निकाली गई जिसमें क्षेत्र के सैंकड़ों लोगों ने भाग लिया । जिनके द्वारा पूजा करने के उपरांत रावण, कुभकर्ण और मेघनाद के पुतलों के अग्नि देकर लंका दहन किया गया । इस दृष्य का सैंकड़ों की तादाद में लोगों ने आन्नद लिया । लोगों में यह भी मान्यता प्रचलित है कि लंका दहन का दृष्य देखने शनि ग्रह का प्रकोप नहीं होता है ।
बता दें कि इस बार दशहरा मेले के स्थान को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी रही । प्रशासन द्वारा पहले मेला स्थल को पुलिस ग्रांउड और लंका दहन को टैक्सी स्टैंड पर करने का निर्णय लिया गया था । काफी मंथन के उपरांत मेले के लिए जब प्रशासन को कहीं उचित स्थान नहीं मिल पाया तो तत्कालीन क्योंथल रिसायत की राजमाता विजय ज्योति सेन ने बीती रात राजमहल के परिसर में मेला आयोजित करने बारे हामी भरी गई । गौर रहे कि रियासत काल से जुन्गा में मनाए जाने वाला दशहरा मेला पहली बार राजमहल के परिसर में मनाया जा रहा है ।
तहसीलदार जुन्गा एवं मेला अधिकारी रविन्द्र सिसोदिया ने बताया कि 25 अक्तूबर को दोपहर बार दो बजे विशाल दंगल का आयोजन किया जाएगा । इससे पहले विभिन्न महिला मंडलों एवं स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की रस्साकस्सी प्रतियोगिता करवाई जाएगी। मेले के कानून और व्यवस्था बनाए रखने तथा मेले में आए लोगों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए है ।
इस मौके पर भाजपा नेत्री एवं राजमाता विजय ज्योति सेन, पंकज सेन, स्थानीय पंचायत प्रधान बंसी लाल कश्यप सहित मेला समिति के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे ं।