चम्बा,22फरवरी
हिमाचल के चम्बा अस्पताल में लोग तड़फते रहे और डॉक्टर करते रहे गेट मीटिंग। रोज सुबह साढ़े नौ बजे मेडिसन ओपीडी के दरवाजे के बाहर मरीजों की बीस मीटर लंबी लाइन लग जाती है। मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि मरीज एक लाइन में पूरे नहीं हो रहे हैं, इसलिए वे दूसरी लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं। कोविड नियमों की कहाँ पालना होंगी जब दो डॉक्टर या तीन डॉक्टर होंगे।
ओपीडी में डॉक्टर न होने के कारण कई मरीज ठंडे फर्श पर बैठ जाते हैं। ओपीडी के साथ बने पंजीकरण केंद्र में मरीजों की लाइन इतनी लंबी है कि मरीजों को खड़ा करने के लिए आवाजाही के लिए बने रास्ते पर खड़ा होना पड़ रहा है। इससे थोड़ा आगे जाकर सर्जरी की ओपीडी के बाहर मरीज डॉक्टर के इंतजार में बैठे हैं। हड्डी रोग ओपीडी के बाहर मरीजों की खचाखच भीड़ लगी है। महिलाएं और बुजुर्ग घुटनों और पीठ दर्द से परेेशान हैं। उनके लिए ज्यादा देर ओपीडी के बाहर खड़े होना मुश्किल हो रहा है, इसलिए वे फर्श पर बैठ जाते हैं। इसके साथ ही नेत्र ओपीडी के बाहर भी मरीजों का तांता लगा है। मरीज डॉक्टर के आने के इंतजार में मायूस होकर बैठे हैं।
हरकोई बार-बार अपनी कलाई पर बंधी घड़ी या मोबाइल फोन पर टाइम चेक कर रहा है। उन्हें इस बात का इंतजार है कि कब साढ़े ग्यारह बजेंगे और डॉक्टरों की हड़ताल खत्म होगी। हड़ताल खत्म होने के बाद ही वे डॉक्टरों से अपना उपचार करवा पाएंगे। महिला ओपीडी में गर्भवती और अन्य महिलाएं फर्श पर बैठकर डॉक्टर का इंतजार कर रही हैं। एमएस डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि दो घंटे की हड़ताल के बाद चिकित्सक अपनी-अपनी ओपीडी में पहुंच गए और रूटीन की तरह मरीजों का चेकअप किया।