अपनी।मांगों को लेकर 27 जून से डॉउन स्ट्राइक करेंगे डॉक्टर
शिमला।
हिमाचल में 27 जून से चिकित्सक अपनी मांगों को लेकर उग्र होगे। प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ की एक वर्चुअल बैठक उपाध्यक्ष डॉ. चांदनी राठौर की अध्यक्षता में आयेजित हुई। इस दौरान जिला के सभी कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य मुद्दा पंजाब पे कमीशन की सिफारिशों को लेकर था, जिसमें सिफारिश की गई है कि चिकित्सकों का नाम प्रैक्टिसिंग अलाउंस 25 प्रतिशत से 20 प्रतिशत कर दिया जाए और साथ में उसको बेसिक वेतन से डी लिंक कर दिया जाए। जिसका पूरे प्रदेश के चिकित्सकों ने एक मत से विरोध किया और बैठक में फैसला किया गया कि हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ पंजाब मेडिकल ऑफिसर्स संघों के साथ मिलकर इसके प्रति अपना विरोध जताता रहेगा, जब तक कि इन सिफारिशों को ठीक नहीं किया गया। प्रदेश चिकित्सक संघ बैठक में इस निष्कर्ष पर पहुंचा की महामारी के समय जब चिकित्सक जान हथेली पर लेकर लड़ रहे हैं, तो इस तरह की सिफारिशें बिल्कुल ही बेमानी हैं और उन सिपाहियों के साथ धोखा है जो फ्रंट लाइन में खड़े होकर इस महामारी से लड़ रहे हैं। मेडिकल ऑफिसर संघ ने फैसला लिया कि जैसे पंजाब मेडिकल ऑफिसर संघ 25 जून से 2 घंटे की पेन डाउन हड़ताल शुरू कर रहे हैं, ठीक उसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ भी सरकार को निर्धारित 72 घंटे का नोटिस देते हुए 27 जून से 2 घंटे 9:30 से 11:30 तक पेन डाउन हड़ताल के साथ गेट मीटिंग आयोजित करेगा। संघ के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि इसके अलावा डैंटल मेडिकल ऑफिसर संघ, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर संघ, वेटनरी ऑफिसर संघ के साथ भी बात चल रही है और जल्द ही मिलकर सबसे एक मजबूत योजना बनाई जाएगी और इन सिफारिशों का पुरजोर विरोध दर्ज करवाया जाएगा। पुष्पेंद्र वर्मा का कहना है कि दूसरा ज्वलंत मुद्दा मीटिंग में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज के साथ दुर्व्यवहार का और उनके परिवारों को मानसिक तनाव देने का रहा। जिसमें चंबा जिला के ज्वलंत उदाहरण को शामिल किया गया। इसमें सभी ने एकमत से अपनी सहमति जताई कि इस पर सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों को कठोर से कठोर संदेश दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह से कोई भी मेडिकल ऑफिसर पद की गरिमा और व्यक्तिगत स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की हि मत ना करें। सभी ने एकमत से यह पारित किया कि सरकार को यह प्रार्थना की जाएगी वह तुरंत इन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करें। अंत में कार्यकारिणी के सदस्यों ने एकमत से यह फैसला लिया कि प्रदेश अध्यक्ष जीवानंद चौहान सेवानिवृत्त हो गए हैं। संघ के संविधान के अनुसार अगले चुनावों तक वही प्रधान पद का कार्यभार संभालते रहेंगे।