हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सहायक प्रोफेसर (वाणिज्य) के साक्षात्कार सम्पन्न हुए। शिक्षा के उच्चतम स्तर के इस महाकुम्भ में डॉ मनीष खांगटा का चयन हुआ है। उनकी यह उपलब्धि उनके बरसों की मेहनत, दृढ़ संकल्प व प्रतिभा का प्रमाण व परिणाम है।
सरल स्वभाव व व्यक्तित्व के धनी डॉ मनीष खांगटा रोहड़ू क्षेत्र के एक छोटे से अस्तानी नामक गाँव से सम्बन्ध रखते हैं। इनके पिता श्री कृष्ण लाल खांगटा, एचoआरoटीoसीo से ऑडिट अफसर के पद से सेवानिवृत्त हैं। माता श्री मती लीला खांगटा एक कुशल गृहणी हैं। इनकी धर्मपत्नी मंजू बरसांटा हिo प्रo विश्वविद्यालय से एलoएलoएमo की उपाधि प्राप्त कर उच्च न्यायालय हिoप्रo में पेशे से एक वकील हैं। इनके छोटे भाई डॉ अनुज खांगटा डेंटल सर्जन हैं व भाभी सोनिया ठाकुर खांगटा उच्च शिक्षा प्राप्त कर प्रशासनिक सेवाओं की तैयारियों में जुटी हैं। इनकी विवाहित बहन वीना नेगी शिक्षा विभाग में टीoजीo टीo(विज्ञान) व उनके शौहर देवेश नेगी भी शिक्षा विभाग में ही अंग्रेज़ी प्रवक्ता के पद पर कार्यरत हैं।
डॉ खांगटा ने अपनी प्राथमिक व सेकेंडरी शिक्षा राजकीय विद्यालय रोहड़ू से ग्रहण की है। स्नातक वाणिज्य की डिग्री राजकीय महाविद्यालय सीमा (रोहड़ू) से उत्तीर्ण की है। तत्पश्चात् उन्होंने हिo प्रo विश्वविद्यालय से एमo कॉमo, एमo फिल व डॉक्टरेट की उपाधियाँ हासिल कीं। ये कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर – दुबई, शारजाह, बैंकॉक व मलेशिया जैसे देशों में अपने शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं। अब तक 17 से अधिक रिसर्च पेपर व 2 पुस्तकें प्रकाशित कर चुके हैं।
शिक्षण कार्य इनकी विशेष रुचि रही है। पिछले लगभग 20 वर्षों से विद्यार्थी जीवन से ही अपने संजौली स्थित गुरुकुल शिक्षण संस्थान से ये शिक्षा प्रदान कर अपनी पढ़ाई व आजीविका साथ साथ चलाते रहे। इस संस्थान से हज़ारों विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं जिनमें बहुत सारे विद्यार्थी उच्च पदों पर आसीन हैं। इतना ही नहीं ये समाज सेवा में भी खासी रुचि रखते हैं तथा एक ‘आस’ नामक गैर सरकारी संगठन भी चला रहे हैं।
ईश्वर व देवी-देवताओं की अनुकम्पा व कृपा का शुक्रिया अदा कर, डॉ खांगटा अपनी उपलब्धि का श्रेय माता-पिता व अपने गुरुओं को देते हैं जिन्हें ये अपना आदर्श मानते हैं। डॉ खांगटा ने कहा कि वे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोo सिकन्दर कुमार के आमरण आभारी रहेंगे जिनके कुशल नेतृत्व व परख से उन्हें अपना सपना साकार करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। परीक्षा की इस घड़ी में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से साथ उन तमाम शख्सियत, ग्रामवासी, मित्रों का भी आशीर्वाद व दुआ स्वरूप तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।










