शिमला 21 सितंबर । क्योंथल रियासत का प्राचीन एवं पारंपरिक जिला स्तरीय दशहरा मेला इस वर्ष आगामी 12 से 14 अक्तूबर तक जुन्गा के ऐतिहासिक स्कूल मैदान में हर्षोंल्लास के साथ मनाया जाएगा । जिसमें लंका दहन के अतिरिक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम और कुश्ती मेले का मुख्य आकर्षण होगें । तहसीलदार एवं मेला अधिकारी नरायण सिंह वर्मा ने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय से स्कूल मैदान में मेला आयोजित करने की अनुमति मिल गई है।
गौर रहे करीब दो वर्ष पहले इस पारंपरिक मेले को सरकार द्वारा जिला स्तरीय मेले का दर्जा प्रदान के उपरांत इसे तीन दिवसीय मेले के रूप में मनाया जाने लगा है । इस मेले का इतिहास तत्कालीन क्योंथल रियासत से जुड़ा है । उन्होने बताया कि परंपरा के अनुसार राजमहल जुन्गा से 12 अक्तूबर को रघुंनाथ अर्थात ठाकुर जी की झांकी ढोल नगाड़ों के साथ निकाली जाएगी जिसका मेला मैदान में स्थानीय लोगों द्वारा स्वागत किया जाएगा । सांय को परंपरा के अनुसार क्योंथल रियासत के शासक ही रावण, मेघनाद और कुभकर्ण के पुतलों का दहन करेगें । तदोंपंरात रघुनाथ की पालकी को वापिस राजमहल ले जाया जाएगा ।
मेले के दूसरे दिन 13 अक्तूबर को दिन में जुन्गा क्षेत्र के सभी स्कूलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और रात्रि को स्टार नाईट आयोजित की जाएगी । इसके अतिरिक्त दिन में खेल गतिविधियां और विशेषकर महिलाओं की रस्सकस्सी प्रतियोगिता करवाई जाएगी । मेले के अंतिम दिन 14 अक्तूबर को विशाल दंगल का आयोजन किया जाएगा जिसमें उत्तरी भारत के नामी पहलवान भाग लेगें ।