सेब कारोबार में छायी मंदी से मंडी जिले के हजारों बागवानों की आर्थिकी को संकट में डाल दिया है। सेब की पेटी में 70 फीसदी कमाई कम हो गई है। पड़ोसी राज्यों की मंडियों में सेब के दाम गिरने से बागवानों को भारी आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है।
बारिश के कारण तुड़ान थम गया है। दागी सेब पहले ही कम भाव में बिक रहा है। ऊपर से जम्मू-कश्मीर से सेब शुरू होने से बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। आजादपुर सब्जी मंडी दिल्ली में बागवानों का सेब प्रति कार्टन 700 से 1400 रुपये बिका है। परवाणू और पंचकूला मंडियों में प्रति कार्टन 800 से 1200 रुपये बिका है। ओलों से खराब और कम आकार वाले सेब के दाम बागवानों को नही मिल रहे हैं।
सेब बागवानों के लिए कश्मीर का सेब चलने से दिक्कत हो गई है। इस बार सेब कारोबार में छाई मंदी से बागवान चिंतित हो उठे हैं। एक तरफ जहां मंदी की मार और दूरी तरफ महंगाई ने सेब बागवानों की कमर तोड़कर रख दी है। 70 रुपये में सेब कार्टन बागवानों को मिल रहा है।500 रुपये मजदूर दिहाड़ी मांग रहे हैं और पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से बागवानों पर किराया भी बोझ बना हुआ है।
सेब बागवानों राज ठाकुर, गुरदयाल ठाकुर, यशवंत, लीला प्रकाश, दीनानाथ, मुरारी लाल, राजेश कुमार, भीम सिंह, हेमराज, गगन कुमार और ललित ने बताया कि सेब के दाम न मिलने से बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। खर्चे मिलाकर सत्तर फीसदी कमाई कम हो रही है। आजादपुर सब्जी मंडी के आढ़ती नरेश ढल ने दाम गिरने की पुष्टि की है।