मनाली में साइबर अपराधियों द्वारा पर्यटकों और होटल व्यवसायियों को ठगने के कई मामले सामने आ चुके हैं। होटल व्यवसायियों का आरोप है कि जालसाज सरकारी जैसी दिखने वाली फर्जी वेबसाइट बनाते हैं और ऑनलाइन कमरा बुक करने वाले पर्यटकों को ठगते हैं।
मनाली एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल होने के कारण पूरे वर्ष पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जाती है। असुविधा से बचने के लिए, ज्यादातर लोग पहले से होटल बुक करना पसंद करते हैं, आमतौर पर ऑनलाइन। इस बढ़ते चलन को देखते हुए साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं और होटलों की फर्जी वेबसाइट बनाकर और बुकिंग स्वीकार कर पर्यटकों को ठग रहे हैं।
हाल के दिनों में पुलिस के पास कई शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिनमें होटल व्यवसायियों ने जालसाजों पर उनकी आधिकारिक वेबसाइटों से तस्वीरें उठाने और डुप्लीकेट पोर्टल बनाने का आरोप लगाया है।
मनाली होटलियर्स एसोसिएशन के मुकेश ठाकुर ने कहा कि उन्होंने एसोसिएशन के सदस्यों को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया था और उन्हें सतर्क रहने और यह देखने के लिए कहा था कि कहीं कोई फर्जी वेबसाइट सामने तो नहीं आई है। उन्होंने कहा, “प्रशासन और पुलिस को भी मामले से अवगत करा दिया गया है।”
होटल व्यवसायियों ने कहा कि पर्यटकों को ठगे जाने से बचाने के लिए पर्यटन विभाग को पंजीकृत होटलों में आरक्षण करने के लिए एक समर्पित पोर्टल बनाना चाहिए। एक पर्यटक मुकेश ने कहा कि जालसाजों ने सिक्किम के एक होटल की वेबसाइट को मनाली में बताकर उसकी नकल कर उसे धोखा दिया। एक अन्य यात्री जितेंद्र ने कहा कि उसने मनाली में एक होटल बुक किया था, लेकिन जब वह यहां पहुंचा तो उसने पाया कि होटल को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। उसने उस व्यक्ति को फोन करने की कोशिश की जिसे उसने अग्रिम पैसा दिया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
मनाली टूर पैकेज बेचने वाली सैकड़ों ट्रैवल वेबसाइट और पोर्टल हैं और इनमें से अधिकांश अपंजीकृत हैं और अन्य राज्यों से संचालित की जा रही हैं। कई वेबसाइटें किसी संपर्क विवरण का उल्लेख भी नहीं करती हैं।