हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति जिले में केलांग-उदयपुर मार्ग पर स्थित शांशा पुल एक बार फिर खतरे की जद में आ गया है। घाटी में पिछले चार-पांच दिनों में एकाएक तापमान बढ़ने से ग्लेशियरों के पिघलने से शांशा नाले में शनिवार को बाढ़ आ गई। गत वर्ष भी जुलाई में जाहलमा, शांशा और तोजिग नाला में बाढ़ आने से किसानों की फसलों को भारी नुकसान हुआ था।
इस बाढ़ में शांशा पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया था। अब एक साल बाद फिर शनिवार को शांशा नाले ने बाढ़ जैसा भयानक रूप ले लिया। पुल खतरे की जद में आ गया है। इन दिनों पट्टन घाटी में मटर सहित सब्जी का सीजन जोरों से चल रहा है। शांशा नाले के रौद्र रूप ने सभी की चिंता में डाल दिया है। बाढ़ से पुल को नुकसान हुआ है और बीआरओ ने पुल से वाहनों की आवाजाही को रोक दिया है।
उदयपुर उपमंडल की मयाड़ घाटी में ग्लेशियर पिघलने लगे हैं। इससे नालों में अचानक बाढ़ आने लगी है। इससे घाटीवासी सहम गए हैं। उदयपुर के करपट घोट नाला, शकोली नाला और चांगुट के भिंगी नाले में शनिवार को बाढ़ आने से मलबा ग्रामीणों के खेतों में पानी घुस गया तथा सड़क को भी नुकसान पहुंचा है। इसके कारण संपर्क मार्गों पर यातायात भी बाधित।