*”बाढ़बंदी का कोई सिर-पैर नहीं, जनता में भारी रोष*
हमीरपुर, 20 मई
पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने जिला परिषद वार्डों की नई डीलिमिटेशन प्रक्रिया पर तीखा तंज कसते हुए इसे पूरी तरह अव्यवस्थित और राजनीति से प्रेरित करार दिया। उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिले में जो हाल ही में जिला परिषद की बाढ़बंदी की गई है, वह बेहद गलत तरीके से हुई है और इसके पीछे सरकार की लापरवाही व राजनीतिक मंशा स्पष्ट झलकती है।
राणा ने आरोप लगाया कि इतिहास में कभी ऐसी डीलिमिटेशन देखने को नहीं मिली, जैसी इस बार की गई है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि बगेहड़ा वार्ड को भोरंज में जोड़ दिया गया, जबकि टोनी देवी क्षेत्र को किसी अन्य स्थान में मिला दिया गया है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि लगता है एक वार्ड से दूसरे वार्ड तक पहुंचने के लिए अब शायद फ्लाइओवर या हवाई मार्ग की जरूरत पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि पूरे जिले में 18 बार थे मान को हमीरपुर नगर निगम बनने से उसमें कुछ पंचायते मर्ज हो गई तो एक वार्ड काम हो सकता है जानबूझकर राजनीति दबाव में आकर जिला परिषद वार्डों की संख्या 18 से 15 कर रहे हैं यह बिल्कुल निजाइज़ है, 1 वार्ड कम हो सकता है तो निश्चित तौर पर जिले में 17 वार्ड होने चाहिए राजनीति का अस्तित्व खत्म करने की साजिश हो रही है।
उन्होंने कहा कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र की चार पंचायतें पहले ही हमीरपुर नगर निगम में शामिल हो चुकी हैं, इसके बावजूद क्षेत्र के तीन वार्ड — बगेहड़ा, करोट और दरोगण पति कोट — तो अवश्य बनने चाहिए थे। उन्होंने बताया कि इस मसले को लेकर बमसन के टोनी देवी और सुजानपुर टिहरा भाजपा मंडल अध्यक्ष जिला उपायुक्त को औपचारिक आपत्ति पत्र दर्ज करवा चुके हैं।
राजेंद्र राणा ने जोर देकर कहा कि सरकार और प्रशासन को इस डीलिमिटेशन पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि जनता के बीच इसको लेकर भारी असंतोष है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि तर्कसंगत तरीके से बदलाव होते हैं तो किसी को आपत्ति नहीं होती, लेकिन इस बार पंचायती सीमाएं नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र को ही तोड़-मरोड़ दिया गया है।
पूर्व विधायक ने प्रशासन से आग्रह किया कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए इस फैसले की पुनर्समीक्षा की जाए, अन्यथा लोगों का आक्रोश सड़कों पर उतर सकता है।