कंडक्टर भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र व्हाट्सएप से बाहर भेजने के मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर से परीक्षा संबंधी सभी रिकॉर्ड तलब कर लिया है। वहीं पूछताछ में खुलासा हुआ है कि मुख्य आरोपी अभ्यर्थी मनोज ने दो दोस्त सॉल्वरों को प्रश्नपत्र व्हाट्सएप पर भेजा था। दो दोस्तों ने आगे दो और सॉल्वरों को पेपर भेजा था। यानी मनोज के अलावा आगे कुल चार युवकों को पेपर व्हाट्सएप के जरिये गया था। आरोपियों में एक एचआरटीसी कंडक्टर और दूसरा रेलवे का को पायलट भी शामिल है।
पुलिस के अनुसार मनोज कुमार ने पूछताछ में बताया कि उसने परीक्षा केंद्र से अपने चचेरे भाई और एक दोस्त को मोबाइल से पेपर हल करने को भेजा था। मुकेश को जितने सवालों के जवाब आते थे, उसने वे मनोज को व्हाट्सऐप से बता दिए थे। कंडक्टर अनिल ने पेपर आगे दो लोगों को भेजा था। इनमें से एक दोस्त ने पेपर के कुछ सवाल हल करके वापस भेज दिए, जबकि दूसरे दोस्त ने पेपर मीडिया में वायरल कर दिया। इस पूरे प्रकरण में कथित रूप से मनोज के अलावा चार युवक शामिल हैं। इनमें से एक युवक एचआरटीसी में दो साल से कंडक्टर की नौकरी कर रहा है, जबकि दूसरा रेलवे में को पायलट के रूप में हाल ही में चयनित हुआ है। चारों आरोपियों पर केस दर्ज हो गया है। ऐसे में दो युवकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। पुलिस के समक्ष युवक उनका भविष्य बचाने को गिड़गिड़ा रहे हैं।
उधर, एसपी कांगड़ा विमुक्त रंजन का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है।उधर, एसआईटी ने आवेदन करने वालों के दस्तावेजों से लेकर परीक्षा के पूरे प्रोटोकाल और नकल रोकने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया की चयन आयोग से जानकारी मांगी है। सूत्रों का कहना है कि चूंकि पिछले साल सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान हुई हाईटेक उपकरणों वाली नकल की घटना सामने आने के बाद गृह विभाग ने कर्मचारी चयन आयोग और राज्य लोक सेवा आयोग को सभी बड़ी परीक्षाओं में जैमर का इस्तेमाल करने को कहा था। एसआईटी जानने का प्रयास करेगी कि आखिर क्यों जैमर नहीं लगे। बता दें कि मामले की जांच का जिम्मा डीजीपी संजय कुंडू ने डीआईजी बिलम गुप्ता की अध्यक्षता वाली आठ सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) को दिया है।