कैप्टन संजय ने कहा है कि जसवां-परागपुर क्षेत्र की हर पंचायत में निःशुल्क कंप्यूटर व इंग्लिश लर्निंग सेंटर खोले जाएंगे। अब तक 11 ऐसे केंद्रों में एक हजार से ज्यादा विद्यार्थी अध्यनरत हैं। जबकि 8 गांवों में सेंटर खोलने की लोकेशन फाइनल हो चुकी है।
गुरनबाड़ और चलाली पंचायतों में जनसंवाद कार्यक्रम में पराशर ने कहा कि शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़ने के धरातल पर जो प्रयास शुरू किए गए थे, उनके अब सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं। पिछले वर्ष उन्होंने प्रदेश में 500 नौकरियां युवाओं को प्रदान की हैं, जबकि इस साल में एक हजार नए रोजगार के साधनों का सृजन करना लक्ष्य है। संजय ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं की अंग्रेजी व कंप्यूटर का कम ज्ञान नौकरी पाने के लिए एक बड़ी बाधा बन जाता है। प्रतिभा होने के वाबजूद महानगरों के युवाओं के मुकाबले हमारे क्षेत्र के बच्चों का आत्मविश्वास कम रह जाता है। इसी कमी को दूर करने के लिए निर्णय लिया गया था कि दूरदराज के गांवों में घर-द्वार पर ही ऐसी सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इन केंद्रों में विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या के बाद यह निर्णय लिया गया है कि हर पंचायत तक यह सुविधा पहुंचाई जाए। कहा कि खोले गए
इंग्लिश लर्निंग व कंप्यूटर केन्द्रों भी विद्यार्थियों की रूचि इसलिए भी बढ़ी है क्योंकि वहां विद्यार्थियों को प्राचीन गुरूकल जैसी आध्यात्मिक पंरपराओं का निर्वहन करना सिखाया जा रहा है तो आधुनिक तरीकों से भी शिक्षित किया जा रहा है। एक तरफ बच्चे हनुमान चालीसा कंठस्थ कर चुके हैं तो दूसरी तरफ अंग्रेजी की कविताएं भी पढ़कर सुनाते हैं। सामान्य ज्ञान और कंप्यूटर से संबंधित कक्षाएं रोज लग रही हैं। इसके अलावा प्रतितयोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रशिक्षित स्टाफ मेहनत कर रहा है। सभी केन्द्रों में इंटरनेट सुविधा के साथ प्रिंटर भी उपलब्ध हैं। अवकाश के दिनों में भी केन्द्र खुले रहने से विद्यार्थियों को कक्षाओं के विषयों के अलावा व्यक्तित्व के निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है। संजय पराशर ने कहा कि गांवों में विद्यार्थियों व युवा वर्ग की प्रतिभा को निखारेने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षा व रोजगार के लिए जमीनी स्तर पर कार्य करने के बाद यह बात साफ है कि निश्चित तौर पर आने वाले समय में इन केन्द्रों का लाभ छात्रों को मिलने वाला है। कहा कि सेना में भर्ती में रूचि रखने वाले युवाअों के लिए भी क्षेत्र में कोचिंग सेंटर खोलने की योजना है, जिसमें सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों की सेवाएं ली जाएंगी।