सड़क हादसों में घायलों की सहायता करने वालों को सरकार पांच हजार रुपए तक का ईनाम देगी। घायलों की मदद करने वालों को न तो अब पुलिस तंग करेगी, बल्कि उन्हें गुड स्मार्टियन का दर्जा दिया जाएगा। सड़क दुर्घटनाओं में मृत्यु के मामलों में कमी लाने के लिए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक नई पहल की है। इस संदर्भ में परिवहन विभाग हिमाचल को भी केंद्र सरकार ने दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। परिवहन विभाग हिमाचल के निदेशक अनुपम कश्यप ने बताया कि परिवहन विभाग की ओर से मामला प्रदेश सरकार की अनुमति को भेजा गया है। प्रदेश सरकार से केंद्र की गाइडलाइंस को लागू करने के बारे में आदर्श आचार संहिता के बाद अधिसूचना जारी की जाएगी।
अधिसूचना के बाद हिमाचल प्रदेश में भी ये प्रावधान लागू हांगे। सड़क मंत्रालय ने गुड स्मार्टियंस नामक योजना की शुरुआत की है। इसके तहत उन लोगों को 5000 रुपए का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा, जो सड़क दुर्घटना में पीडि़त को दुर्घटना के महत्त्वपूर्ण घंटों के भीतर अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचाने का प्रयास करते हैं। घायलो की मदद पर करने पर सिर्फ वहीं लोग ईनाम के हकदार होंगे, जो गोल्डन आवर के अंदर पीडि़तों की मदद करेंगे। गोल्डन ऑवर एक दर्दनाक चोट के बाद एक घंटे की वह अवधि है, जिस दौरान तत्काल चिकित्सा उपचार प्रदान कर मृत्यु को रोकने की संभावना सबसे अधिक होती है। (एचडीएम)
ऐसे किया जाएगा पुस्कार के लिए चयन
दिशा-निर्देशों के मुताबिक, यदि नेक मददगार द्वारा दुर्घटना की जानकारी सबसे पहले पुलिस को दी जाती है, तब ऐसे मामले में डाक्टर से विवरण सत्यापित करने के बाद पुलिस ऐसे गुड स्मार्टियन को आधिकारिक लैटर पैड पर इसकी पावती प्रदान करेगी। पावती की प्रति संबंधित थाने द्वारा जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय मूल्याकंन समिति को भेजी जाएगी, जिसकी एक कॉपी गुड स्मार्टियन को भी दी जाएगी। उस मामले में जहां गुड स्मार्टियन पीडि़त को सीधे अस्पताल लेकर जाता है, तब अस्पताल संबंधित पुलिस थाने को पूरा विवरण उपलब्ध कराएगा। इसके बाद पुलिस ऐसे गुड स्मार्टियन को पावती प्रदान करेगी। नियमों के मुताबिक एक गुड स्मार्टियन के रूप में एक व्यक्ति को एक साल में अधिकतम पांच बार ही पुरस्कार प्रदान किया जा सकता है।