राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज यहां कहा कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत हिमाचल प्रदेश के लोगों को 48 जन औषधि केंद्रों के माध्यम से सस्ती दरों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। उन्होंने लोगों से इस परियोजना का लाभ उठाएं उठाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि 7 मार्च, 2023 को पीएमबीजेपी के तहत पांचवें जन औषधि दिवस का आयोजन किया जा रहा है और इस वर्ष कार्यक्रम की विषय वस्तु ‘जन औषधि-सस्ती भी, अच्छी भी’ है। उन्होंने कहा कि एक मार्च से प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, ताकि लोगों का जन औषधि पर विश्वास बढ़े।
उन्होंने कहा कि जन औषधि दवाओं की कीमतें आम तौर पर ब्रांडेड दवाओं की कीमतों की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत कम होती हैं। ये दवाएं खुले बाजार में उपलब्ध होती हैं और इनकी गुणवत्ता महंगी ब्रांडेड दवाओं के समान होती हैं। उन्होंने कहा कि यह योजना उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जो उपचार के लिए प्रतिदिन दवा का सेवन करते हैं। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों पर 1759 से अधिक उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं और 280 सर्जिकल और अन्य उत्पाद उपलब्ध करवाए जाते हैं। सभी दवाएं डब्ल्यूएचओ-जीएमपी प्रमाणित आपूर्तिकर्ताओं से ही खरीदी जाती हैं। गोदामों में प्राप्त होने के बाद दवा के प्रत्येक बैच का स्वतंत्र रूप से परीक्षण किया जाता है। इन दवाओं का राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में सर्वोत्तम गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण किया जाता है और इसके पश्चात ही दवाओं को बिक्री के लिए केंद्र में भेजा जाता है।
उन्होंने सभी चिकित्सकों से भी आग्रह किया है कि वे मरीजों को जेनरिक दवाओं का परामर्श दें ताकि गरीब व अन्य वर्गों को इसका लाभ मिल सके।