दिनांक 27.10.2023 को जनजातीय क्षेत्र लाहुल उदयपुर स्थित राजकीय महाविद्यालय कुकुमसेरी के कॉन्फ्रेंस हॉल में कुकुमसेरी महाविद्यालय, एकलव्य वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला तथा हिमालय साहित्य, संस्कृति और पर्यावरण मंच शिमला के संयुक्त तत्वावधान में “साहित्य, संस्कृति और फिल्म उत्सव” का भव्य आयोजन किया गया।
जिसमें प्रख्यात लेखक और एक्टिविस्ट और अध्यक्ष हिमालय साहित्य मंच शिमला एस आर हरनोट ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। लाहुल के एसडीएम केशव राम विशेष अतिथि थे। हरनोट ने दोनों शिक्षण संस्थानों द्वारा छात्रों की प्रस्तुतियों की भरपूर सराहना की और आयोजकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने आग्रह किया कि छात्रों के बौद्धिक विकास के लिए इस तरह के साहित्य और सांस्कृतिक आयोजन प्रति वर्ष किए जाने चाहिए। एसडीएम केशव राम ने हिमालय मंच के अध्यक्ष हरनोट, उनकी अर्धांगनी शीला हरनोट, फिल्म अभिनेता और फिल्म निर्देशक आर्यन हरनोट और लोक गायक तथा टीवी एंकर जगदीश गौतम का इतनी दूर से लाहुल आने के लिए आभार व्यक्त किया। केशव राम जी की अर्धांगिनी कृष्णा भी उपस्थित रही।
मुख्य अतिथि के साथ अन्य अतिथियों का स्वागत लाहुली परंपरा से ढोल नगाड़ों और विशेष खतक पहनाकर किया गया जिसमें महाविद्यालय और स्कूल के प्रधानाचार्य, प्राध्यापक, कर्मचारियों के साथ पारंपरिक परिधानों में छात्र छात्राएं शामिल रहे।
एस आर हरनोट के साथ एसडीएम केशव राम, दोनों संस्थानों के प्राचार्य डॉ.अनीता शर्मा एवं श्री राजीव गर्ग, डॉ बादल खन्ना, डॉ रत्नेश त्रिपाठी ने दीप प्रज्वलित कर इस साहित्य उत्सव का शुभारंभ किया। रत्नेश त्रिपाठी ने लेखक हरनोट जी के साहित्यिक योगदान के बारे में विस्तार से छात्रों को बताया और उनके सम्मान में उनकी लिखी “अंधेरे” कविता का खूबसूरत पाठ किया। इतिहास के प्रवक्ता डॉ. सालिक राम यादव ने जहां हरनोट की एक अन्य चर्चित कविता “प्रेम” का पाठ किया वहां कई छात्र छात्राओं ने भी उनकी कविताओं के पाठ किए। हरनोट ने बच्चों की सुंदर और सार्थक भागीदारी तथा तैयारी के लिए दोनों संस्थाओं के प्राध्यापकों की प्रशंसा की।
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय और स्कूल के लगभग पच्चीस छात्र छात्राओं ने हिंदी, अंग्रेजी में अपनी रचनाएं बहुत सुंदर और सधे तरीके से पढ़ीं जिनकी भूरी भूरी प्रशंसा की गई। आर्यन हरनोट द्वारा निर्मित और निर्देशित फिल्म कील को भी दिखाया गया जिसे उन्होंने एस आर हरनोट की चर्चित कहानी “कीलें” पर बनाया है। इस लघु फिल्म को कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। साथ ही उन्होंने छात्रों के साथ फिल्म निर्माण, अभिनय इत्यादि के अपने अनुभव भी साझा किए। फिल्म की उपस्थित छात्रों और अध्यापकगणों ने खूब प्रशंसा की।लोक कलाकार जगदीश गौतम जी ने लोकगीत के माध्यम से पूरे हिमाचल की सैर करवा दी।
मंच का खूबसूरत संचालन इक्नॉमिक्स के प्रवक्ता और लेखक डॉ. रत्नेश त्रिपाठी जी ने किया जिन्होंने इस उत्सव में चार चांद लगा दिए। स्थानीय मीडिया भी उपस्थित रहा। कार्यक्रम प्रातः 11 बजे से एक बजे तक निर्धारित था परंतु सांय पांच बजे तक चला और हॉल बच्चों, अध्यापकों और स्थानीय श्रोताओं से खचाखच भरा रहा। महाविद्यालय की प्रधानाचार्य और त्रिपाठी जी ने कहा कि यह अब तक का अनूठा और भव्य साहित्यिक आयोजन है जिसे प्रति वर्ष किया जाता रहेगा।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य रचनात्मक लेखन को प्रोत्साहित करना और छात्र रचनाकारों को मंच प्रदान करना था…
जिन छात्र और छात्राओं ने हिंदी, अंग्रेजी भाषाओं में कविताएं और कहानियां पढ़ीं और लाहूली, कुल्लवी नाटी व पंजाबी भंगडा में भाग लिया उनके नाम बहुत स्नेह के साथ यहां दिए जा रहे हैं….
कुकुमसेरी राजकीय महाविद्यालय की छात्राएं और छात्र पूजा, शीतल, शिवानी (बीए सेकंड), शिवानी (बीकॉम थर्ड), शबनम, सरस्वती, आलिशा, संजना, शिल्पा, हंसराज, शुभम और एकलव्य वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला से सौरभ, तेंजिन जीमेट, अमनदीप, तेंजिन तसेफल, संयुक्ता, तेंजिन डीले, अर्जुन, आकांक्षा, रिंछे खंडो, सुजल प्रकाश, मेहुल,
गातुक छेरिंग, शिवांश, प्रेरणा, नवाँग लामोह, अर्चना, छेपल डोलकर, ताशी छेरिंग, शौर्य पॉल, शौर्या कटोच, लोबजुंग तेंजिन, तेंजिन डोलकर, मुस्कान, श्रेया और जतिन।