हिमाचल की जनता उखाड़ फैकेंगी यहां से भाजपा की सरकार
पहली कैबिनेट में एक लाख नौकरियां देगी कांग्रेस
शिमला।
कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात का मॉडल हिमाचल में चलने वाला नहीं है। उन्होंने अमित शाह द्वारा कांग्रेस को मां-बेटे की पार्टी कहने पर कड़ा ऐतराज जताया और कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र है और यहां पर अध्यक्ष का भी चुनाव होता और इसी का नतीजा है कि आज मल्लिकार्जुन खड़गे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा में कब कौन अध्यक्ष बनता है, इसका फैसला पार्टी नेता नहीं बल्कि नागपुर से होता है। ऐसे में अमित शाह को कांग्रेस के बारे में बोलने से पहले सोचना चाहिए।
सुक्खू ने कहा कि इन दिनों अमित शाह हिमाचल के दौरे कर रहे हैं। उन्हें गुजरात की नहीं हिमाचल की चिंता है। यह चिंता यहां से हो रही भाजपा की विदाई है। उन्होंने कहा कि अमित भांप चुके हैं कि हिमाचल से भाजपा की विदाई तय है और यहां पर कांग्रेस सत्ता में आ रही है। इस कारण अब अमित शाह यहां की जनता को भ्रमित न करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हिमाचल की जनता अमित शाह और भाजपा के अन्य नेताओं के झांसे में आने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि हिमाचल की जनता ने मन बना लिया है और अब भाजपा की कोई ताकत हिमाचल में कांग्रेस को सत्ता में आने से नहीं रोक सकती।
सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि इसमें किसी प्रकार का कोई लोकतंत्र नहीं है। आज भाजपा को दो व्यक्ति की कंट्रोल कर रहे हैं और वे क्या करते हैं और क्या फैसले लेंगे, इसकी पार्टी के अन्य नेताओं को भी भनक तक नहीं होती। उन्होंने तंज कसा कि भाजपा में बाकी सब नेता इन दो नेताओं की कठपुतली बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को कांग्रेस पर बोलने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए।
सुक्खू ने कहा कि हिमाचल की जनता ने मन बना लिया है कि अब भाजपा को सत्ता से बाहर करना है और उसके लिए जनता ने कमर कस ली है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हिमाचल की जनता को 10 गारंटियां दी है और सरकार बनते ही उन पर अमल शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने मंडी में साफ कहा है कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही पहले कैबिनेट बैठक में हिमाचल के युवाओं के लिए एक लाख नौकरियां देने का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ओपीएस को लेकर भी ऐसी ही बात कही है और अब कर्मचारियों को अपने भविष्य के लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है।