एपीजी शिमला विश्वविद्यालय की ऑनलाइन कार्यशाला में छात्रों ने सीखी नई तकनीक
शिमला, मई 4, 2021
अधिकांश तकीनीकी, विज्ञान और कंप्यूटर विज्ञान क्षेत्रों में कोई स्पष्ट ठहराव बिंदु नहीं है , जहाँ आपको लगता है कि आप पर्याप्त जानते हैं। ऐसा ही क्षेत्र है कंप्यूटर से जुड़ा डेटा साइंस हैकथान तकनीक जो हमेशा आगे बढ़ रहा है, विकसित हो रहा है। इसी विषय पर स्थानीय एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग की ओर से मंगलवार को एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग की ओर से विभागाध्यक्ष रमेश कुमार, डीन प्रो. डॉ. अरुण चौधरी और विषय विशेषज्ञ सौरभ साहनी, अमेय पाटिल ने बतौर कंप्यूटर साइंस एवं डेटा साइंस हैकथान विशेषज्ञ भाग लेते हुए छात्रों के साथ कंप्यूटर की नई तकनीक हैकथान पर विचार सांझा किए। कार्यशाला में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों ने बढ़चढ़कर भाग लिया और विषय विशेषज्ञों से हैकथान तकनीक पर जानकारी हासिल की कि किस तरह इस तकनीक से नवाचारों को उत्प्रेरक किया जा सकता है और नई चुनौतियों का हल किया जा सकता है। प्रो. डॉ. अरुण चौधरी ने बताया कि निर्णय लेने और क्षमता में सुधार के लिए डेटा एकत्र करने वाली कंपनियों और सरकारों के साथ-साथ खुले डेटा भंडार के माध्यम से बड़ी से बड़ी मात्रा में डेटा उपलब्ध हो रहा है। प्रो. चौधरी ने कहा कि नतीज़न कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों की डेटा-साक्षरता बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रो. चौधरी ने कहा कि कंप्यूटर विज्ञान के भीतर डेटा-विज्ञान एक अपेक्षाकृत नया क्षेत्र है और पाठ्यक्रम तेज़ी से विकसित हो रहा है जिसमें आवश्यक उपकरण-विश्लेषण करना जरूरी है और इस दिशा में छात्रों को प्रभावी ढंग से सीखने की आवश्यकता है जो छात्रों में विश्लेषण कौशल, नवाचार कौशल, रोज़गार कौशल और छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कंप्यूटर की एडवांस्ड तकनीक हैकथान कारगर है।
वहीं कार्यशाला में कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग के विभागाध्यक्ष रमेश कुमार और विषय विशेषज्ञों सौरभ साहनी व अमेय पाटिल ने छात्रों के हैकथान तकनीक संबंधित सवालों और कंप्यूटर साइंस से जुड़ी अन्य कई जानकारियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशेषज्ञों ने कार्यशाला के दौरान कंप्यूटर साइंस की नई तकनीक हैकथान के बारे में पीपीटी के माध्यम से छात्रों को डेटा साइंस हैकथान विश्लेषण, मशीन-लर्निंग, डेटा-जांच विश्लेषण, प्रदर्शन-मैट्रिक्स, मौज़ूद-डेटा विश्लेषण, चुनौतीपूर्ण समस्याओं को हल करना, लाइब्रेरी-सहायता, डेटा का सही उपयोग, डेटासेट के लिए ईडीए का प्रयोग, डेटासेट के लिए मॉडल बनाना, डेटाहाउस से शिक्षाविदों, सामुदायिक समूहों, सरकारों , संस्थाओं और कंपनियों को सहायता करना संबंधी जानकारी दी। विषय विशेषज्ञों ने कहा कि चाहे कोई स्टार्टअप प्रोग्राम स्थापित कर रहा हो या अच्छी तरह से स्थापित व्यवसाय हो, हैकथान तकनीक नवाचार के लिए उत्प्रेरक है और यह आमतौर पर टेक्नोलॉजी का उपयोग करके एक विशेष समस्या को हल करने के उद्देश्य से होता है।