शिमला में यह इस साल का दूसरा मामला है जब आदमखोर तेंदुआ किसी बच्चे को उठाकर ले गया हो। क्या यह वहीं आदमखोर तेंदुआ है जो पहले अगस्त महीने में बच्ची को उठा ले गया था। इसका जवाब तो वन्यजीव विभाग ही दे सकता है।
पर अगर यह वहीं आदमखोर तेंदुआ है तो वन्यजीव विभाग (wildlife department ) ने इसे अभी तक क्यों नहीं पकड़ा है.. यह एक बड़ा सवाल है….।जिस तरह से इस बार भी बच्चे को शिकार बनाया गया है उससे साफ लग रहा है की यह वहीं आदमखोर है जिसने अगस्त माह में बच्ची को शिकार बनाया था।
बता दे दिवाली की रात रहस्यमयी तरीके से लापता 5 साल के मासूम की आज लाश टुकड़ों में मिली है। शव मिलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है।
पुलिस मामले की गहनता से पड़ताल कर रही है। खोज अभियान में जुटी टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार को क्षत-विक्षत (Mutilated) हालत में बच्चे के अवशेष बरामद किए हैं। खोजी दस्तों ने शव का कुछ हिस्सा फागली व रामनगर के बीच पानी के नाले के ऊपर जंगल में बरामद किया। जबकि शव के अन्य हिस्से राम नगर नाले के दूसरी तरफ खलीनी की ओर जंगल में मिले हैं।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शव के क्षत-विक्षत अवशेष (remains) बरामद हुए है। रविवार को पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही साफ होगा कि तेंदुए के हमले में बच्चे की मौत हुई है या इसके पीछे कोई और वजह है।
पहले भी इसी साल पांच अगस्त को न्यू शिमला थाना क्षेत्र के कनलोग में शाम के समय तेंदुआ (Leopard) एक घर के पास से सात साल (Seven year girl) की बच्ची को उठाकर ले गया था। अगले दिन सुबह घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूर जंगल के नाले में बच्ची का क्षत विक्षत शव (body) बरामद हुआ था।
क्या वन्यजीव विभाग अब आदमखोर तेंदुए को जान से मार देगा की फिर एक मासूम की जान ऐसे ही जाएगी?