आयुर्वेद पद्धति में असाध्य रोग का उपचार संभव -अनिरूद्ध सिंह
शिमला 18 मार्च । आयुष विभाग के सौजन्य से डिग्री कॉलेज चायल कोटी में एक दिवसीय निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित की गई । जिसमें आयुर्वेद विशेषज्ञ चिकित्सकों ने 215 रोगियों के स्वास्थ्य की जांच की तथा उन्हें मुफ्त दवाएं बांटी गई । शिविर का शुभारंभ ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने किया ।
उन्होने शिविर में आए लोगों से बातचीत करते हुए बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आयुर्वेद उपचार की सबसे प्राचीन पद्धति है जोकि लोगों में काफी लोकप्रिय बनती जा रही है । यह पद्धति आदीकाल से काफी प्रचलित है जिसकी खोज ऋषि मुनियों द्वारा की गई थी । उन्होने बताया कि इस पद्धति से असाध्य रोगों का उपचार संभव हो गया है और आयुर्वेद दवाओं से मनुष्य के स्वास्थ्य पर भी कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है । सरकार द्वारा आयुष विभाग को सुदृढ़ करने के लिए प्रभावी पग उठाए गए हैं । उन्होने इस मौके पर आयुष विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया ।
इससे पहले जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ0 पूनम जरैक ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया तथा शिविर में रोगियों को दी जा रही सुविधाओं बारे जानकारी दी । डॉ0 पूनम ने बताया कि जिला के दूरदराज क्षेत्रों मंें आयुर्वेद शिविर लगाए जाएंगें ताकि लोगों को ताकि लोगों को घरद्वार पर गुणात्मक चिकित्सा सेवाएं मिल सके ।
शिविर में डॉ0 आरती कौंडल, डॉ0 मनोज सायल, डॉ0 सुनिता सायल, डॉ0 शंकर नेगी, डॉ0 विवेक शर्मा, डॉ0 नितिन कश्यप के अतिरिक्त स्टाफ के अन्य सदस्यों में मीरा देवी, अनिल ठाकुर, सुदेश पंवार, कमल वर्मा, चुन्नीलाल ठाकुर, संजय कुमार, रीना देवी, आंशुल और हेमंन्त ने अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की ।