उपमंडल झंडुत्ता के अंतर्गत आने वालेस्वास्थ्य उपकेंद्र केंद्र सुन्हानी में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से किशोर स्वास्थ्य दिवस पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन समाज सेविका विमला ठाकुर की अध्यक्षता में किया गया |
खंड चिकित्सा अधिकारी झंडुत्ता की ओर से खंड स्वास्थ्य शिक्षक रमेश चंदेल ने लगभग 60 किशोर किशोरियों को संबोधित करते हुए कहा कि किशोरावस्था अति संवेदनशील तथा निर्माणाधीन घड़े की तरह है जिसे संजोना तथा संवारना न केवल परिवार बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अहम योगदान होगा | राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम जो कि 7 जनवरी 2014 से आरंभ हुआ,
के अंतर्गत 10 से 19 वर्ष की आयु के 253 मिलियन किशोर किशोरियों को स्वास्थ्य पहलुओं पर बहुआयामी सहयोग कर रहा है |
देश भर में किशोरावस्था में प्रतिवर्ष होने वाली लगभग 11 लाख मौतों के लिए किशोरों की आपसी हिंसा, डूबना, आत्महत्या, डिप्रेशन तथा एचआईवी एड्स मुख्य कारण हैं |
इसके अलावा गरीबी, अपमान, नशे की आदत आदि भी किशोरों में मृत्यु के मुख्य कारण हैं | इन अवांछनीय कारणों के निराकरण के लिए 10 से 19 वर्ष की आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों को किशोरावस्था के इस नाजुक समय में स्वास्थ्य संबंधी परामर्श की आवश्यकता होती है |
श्री चंदेल ने आगे कहा कि किशोरों में इस समय समुचित परामर्श, बेहतर स्वास्थ्य शिक्षा, अपनी सकारात्मक जीव-चर्या में स्वच्छता एवं योग को अपनाना तथा किशोर-किशोरियों में आत्मसम्मान की भावना पैदा करने से इन गम्भीर समस्याओं से काफी हद तक छुटकारा दिलाया जा सकता है | राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत झंडुता खंड में सिविल अस्पताल बरठीं तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र झंडूत्ता में *नई दिशा केंद्र* काम कर रहे हैं | इस आयु वर्ग के की किशोरियों में एनीमिया दूर करने के लिए ब्लू आयरन की गोली सप्ताह में एक बार, मेंस्ट्रूअल हाइजीन प्रोग्राम के अंतर्गत महीने में सैनिटरी नैपकिन एक बार दिया जाना भी आशा कार्यकर्ताओं द्वारा सुनिश्चित किया जा रहा है |
इस अवसर पर शर्मिला, शालिनी, उषा, सोनू, शबनम, मीना, साक्षी, कार्तिक, अंकित आदि किशोर किशोरियों के साथ साथ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर प्रतिमा आशा कार्यकर्ता, नर्मदा, मीना, विमला, रेखा, प्रमिला, निशा आदि ने भी भाग लिया |