हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला, पर्यटन नगरी मनाली, डलहौजी और धर्मशाला के नड्डी में गुरुवार को नए साल की पहली बर्फबारी हुई। हिमाचल प्रदेश में जारी भारी बर्फबारी से तीन नेशनल हाईवे समेत करीब 650 सड़कें बंद हो गई हैं। प्रदेश भर में 472 बस रूट प्रभावित हैं और परिवहन निगम की 400 से अधिक बसें जगह-जगह फंस गई हैं। हिमाचल के आठ जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्र बर्फ के लकदक हो गए हैं। प्रदेश में घूमने आए सैलानी बर्फबारी के बीच जमकर मस्ती कर रहे हैं। सुबह 10 बजे शुरू हुई बर्फबारी के बाद दोपहर 12 बजे शिमला शहर में यातायात ठप हो गया। राजधानी का अपर शिमला से संपर्क कट गया है। लाहौल, किन्नौर और पांगी घाटी भी अलग-थलग पड़ गई है।
प्रदेश कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया है। सड़कों को बहाल करने के लिए लोक निर्माण विभाग के 25 हजार कर्मचारी और पांच हजार मशीनें जुट गई हैं। कुल्लू, लाहौल, किन्नौर, शिमला, मंडी, सिरमौर, सोलन और कांगड़ा जिले के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानों में बारिश हुई।
शुक्रवार को भी मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। बर्फबारी के लिहाज से जनवरी इस साल सूखा रहा। फरवरी की शुरुआत होते ही गुरुवार को भारी बर्फबारी हुई। उधर, रोहतांग दर्रा सहित कुल्लू और लाहौल की ऊंची चोटियों पर भी वीरवार को दिनभर हिमपात का दौर जारी रहा।
ताजा बर्फबारी से मनाली-केलांग, शिमला-रामपुर, आनी-जलोड़ी जोत नेशनल हाईवे समेत दो दर्जन संपर्क मार्गों में वाहनों के पहिये थम गए हैं। आनी, रामपुर की तरफ कुल्लू से जाने वाली बसों को फिलहाल घियागी तक ही भेजा जा रहा है।
बर्फबारी के चलते मनाली में पर्यटक होटलों में ही दुबके रहे। खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने पर्यटकों और लोगों से पहाड़ों की ओर न जाने की अपील की है। बारिश और बर्फबारी गेहूं और सेब के लिए भी अच्छी मानी जा रही है।
राजधानी शिमला में गुरुवार को एक दिन में 55 सेंटीमीटर से ज्यादा बर्फबारी हुई है। शहर में एक दिन में भारी बर्फबारी का 18 साल का रिकॉर्ड टूटा है। इससे पहले 12 फरवरी, 2002 को 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक बर्फबारी 54.1 सेंटीमीटर रिकॉर्ड हुई थी। बता दें कि वीरवार शाम छह बजे तक 50, जबकि 7 बजे तक 55 सेंटीमीटर तक हिमपात हुआ।
इसके बाद बर्फबारी थम गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक ने बताया कि फरवरी में वर्ष 1990 में 151.3 सेंटीमीटर और वर्ष 2007 में 113 सेंटीमीटर बर्फबारी रिकॉर्ड हुई थी। 1 माह के दौरान बीते 30 साल के दौरान 1990 में सबसे अधिक बर्फबारी रिकॉर्ड हुई थी। निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि शिमला, सोलन, सिरमौर और किन्नौर जिला में अधिक बर्फबारी हुई।










